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एक घने जंगल में एक घमंडी बारहसिंगा रहता था, जो अपनी सुंदर सींगों पर बहुत गर्व करता था, लेकिन अपनी पतली टांगों को बेकार समझता था।
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एक दिन, जब बारहसिंगा पानी पीने झील पर गया, उसने अपनी परछाई में अपने सींगों की तारीफ की, लेकिन अपनी टांगों से असंतुष्ट रहा।
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जंगल में शिकारी कुत्तों के आने पर बारहसिंगा तेजी से भागा, और उसकी पतली टांगें उसे बचाने में सहायक साबित हुईं।
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भागते समय बारहसिंगा के सींग पेड़ की शाखाओं में फंस गए, जिससे वह शिकारी कुत्तों से नहीं बच पाया।
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बारहसिंगा ने महसूस किया कि जिस चीज पर उसे गर्व था, वही उसकी मुसीबत का कारण बनी।
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अंत में शिकारी कुत्तों ने उसे पकड़ लिया और उसने अपनी गलती का पछतावा किया।
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इस कहानी से सीख मिलती है कि बाहरी सुंदरता से ज्यादा असली गुण और उपयोगिता महत्वपूर्ण होते हैं।
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यह कहानी घमंड और अहंकार के नुकसान को भी दर्शाती है और बताती है कि असली ताकत अक्सर वही होती है, जिसे हम नजरअंदाज करते हैं।
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यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपनी असली ताकत को पहचानना चाहिए और बाहरी सुंदरता पर घमंड नहीं करना चाहिए। असल में, किसी भी चीज़ की सच्ची सुंदरता उसकी उपयोगिता और गुणों में होती है।
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