Read Full Story
यह कहानी दिल्ली के एक छोटे से मोहल्ले में रहने वाले 12 साल के लड़के सोनू की है, जो क्रिकेट का जुनूनी है और अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत करता है।
Read Full Story
सोनू के परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है, फिर भी सोनू की आँखों में एक बड़ा क्रिकेटर बनने का सपना है। वह हर सुबह 5 बजे उठकर पार्क में दौड़ लगाता है, ताकि वह फिट रह सके।
Read Full Story
सोनू के स्कूल में हर साल एक क्रिकेट टूर्नामेंट होता है, जिसमें शामिल होने के लिए सोनू ने कड़ी मेहनत की। उसका सबसे अच्छा दोस्त राजू हमेशा उसकी हिम्मत बढ़ाता है।
Read Full Story
स्कूल के कुछ लड़के सोनू का मज़ाक उड़ाते हैं, लेकिन सोनू उनकी बातों को नजरअंदाज कर अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करता है, यह सोचकर कि टैलेंट और मेहनत से ही सफलता मिलती है।
Read Full Story
टूर्नामेंट के दिन सोनू की मेहनत से उसे स्कूल की टीम में जगह मिलती है। पहला मैच मुश्किल होता है, लेकिन सोनू अपनी टीम को संकट से बाहर निकालता है।
Read Full Story
सोनू की शानदार बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी से उसकी टीम 5 रन से मैच जीत जाती है। कोच ने सोनू को "मैन ऑफ द टूर्नामेंट" का खिताब दिया।
Read Full Story
सोनू की मेहनत और सफलता देखकर मोटा और चिंटू को अपनी गलती का एहसास होता है और वे सोनू से माफी मांगते हैं। सोनू उन्हें माफ कर देता है और दोस्ती बढ़ाता है।
Read Full Story
कहानी बच्चों को सिखाती है कि मेहनत, लगन और अच्छा व्यवहार ही असली जीत दिलाते हैं। हमें दूसरों का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए, बल्कि उनकी मदद करनी चाहिए।
Read Full Story
सोनू अपने मम्मी-पापा को ट्रॉफी दिखाकर गर्व महसूस करवाता है और कहता है कि उसका क्रिकेट का जुनून उसे उसके सपनों तक ले जाएगा।
Read Full Story
यह प्रेरणादायक नैतिक कहानी बच्चों को सिखाती है कि मेहनत और अच्छे व्यवहार से हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
Read Full Story