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रिंकी की माँ ने घर के पीछे एक सुंदर गार्डन बनाया था, जिसमें रंग-बिरंगे फूल और सब्जियों के पौधे थे, जो सभी को खुशी देते थे।
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एक दिन रिंकी ने देखा कि उसकी माँ एक मुरझाए गुलाब के पौधे को दूसरे गुलाब के पौधों के पास ले जा रही थीं, ताकि वह पौधा फिर से खिल सके।
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रिंकी की माँ ने समझाया कि पेड़-पौधों को सिर्फ खाद और पानी नहीं,
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बल्कि अपनों का साथ भी चाहिए, जैसे इंसानों को होता है।
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इस अनुभव ने रिंकी को यह सिखाया कि चाहे इंसान हो, पशु-पक्षी हो या पेड़-पौधे, सभी को अपनों की जरूरत होती है।
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रिंकी को यह भी याद आया कि उसकी सहेली की मछली अकेलेपन के कारण मर गई थी और पड़ोस की दादी जी अकेलेपन से दुखी थीं।
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रिंकी ने संकल्प लिया कि वह किसी को भी अकेला नहीं छोड़ेगी और सभी को प्यार, साथ और मदद देकर खुश रखेगी।
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यह सोचते हुए रिंकी अपनी जेब में रखी चॉकलेट लेकर पड़ोस की दादी से मिलने दौड़ी, ताकि उन्हें कुछ खुशी दे सके।
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कहानी हमें यह संदेश देती है कि जीवन में सभी को अपनों के साथ और समर्थन की जरूरत होती है, ताकि वे खुशहाल रह सकें।
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