Read Full Story
चंदन वन की कहानी में मेहनती मैना अपने छोटे से जमीन के टुकड़े पर गेहूं उगाती और पूरे साल आराम से खाती थी, जिससे उसका पड़ोसी कौआ दुखी रहता था।
Read Full Story
कौआ ने मैना से साझे में खेती करने की पेशकश की, जिससे मैना सहमत हो गई, हालांकि उसकी सहेली गिलहरी ने उसे मना किया।
Read Full Story
आलसी कौआ काम करने से हमेशा बहाने बनाता रहा, और मैना ने अकेले ही सारे खेत की देखभाल की, बीज बोए, और फसल की रखवाली की।
Read Full Story
जब फसल पक गई, कौआ ने फिर से बहाना बनाया और मैना ने अकेले ही फसल काटकर गेहूं के दाने निकाले।
Read Full Story
अंत में, जब गेहूं के दो ढेर बनाए गए, कौआ ने बड़ा ढेर मांग लिया यह सोचकर कि उसमें ज्यादा गेहूं होगा।
Read Full Story
गिलहरी ने गवाह बनकर कौए को बड़ा ढेर लेने को कहा, जो वास्तव में भूसे का ढेर था।
Read Full Story
गिलहरी ने कौए को उसकी मक्कारी और आलस्य के लिए फटकार लगाई, और बताया कि मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।
Read Full Story
कहानी से यह सीख मिलती है कि मेहनत और ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है,
Read Full Story
जबकि आलसी और मक्कार लोग अंत में पछताते हैं।
Read Full Story