जंगल कहानी-सुनहरे हंसों का घमंड

Sep 09, 2025, 10:50 AM

सुनहरे हंसों का घमंड

यह कहानी सुनहरे हंसों के घमंड और एक बेसहारा चिड़िया की बुद्धिमानी पर आधारित है, जिसमें चिड़िया को नदी किनारे से हंसों ने भगा दिया था।

सुनहरे हंसों का घमंड

सुनहरे हंस राजा के राज्य की नदी के किनारे रहते थे और अपने पंखों की कीमत चुकाकर वहां रहने का अधिकार समझते थे।

सुनहरे हंसों का घमंड

जब एक बेसहारा चिड़िया ने नदी के किनारे रहने की अनुमति मांगी, तो हंसों ने उसका मजाक उड़ाया और उसे वहां से भगा दिया।

सुनहरे हंसों का घमंड

अपमानित चिड़िया ने राजा से शिकायत की, जिसने हंसों को अदालत में बुलाया और उन्हें चेतावनी दी कि नदी किसी की संपत्ति नहीं है।

सुनहरे हंसों का घमंड

राजा ने हंसों को आदेश दिया कि वे नदी छोड़ दें या सजा का सामना करें, जिससे हंस डर गए और वहां से चले गए।

सुनहरे हंसों का घमंड

चिड़िया ने नदी के किनारे अपना नया घर बनाया और दूसरे बेसहारा पक्षियों का स्वागत किया, जिससे वह स्थान एक खुशहाल आश्रय बन गया।

सुनहरे हंसों का घमंड

राजा ने चिड़िया की विनम्रता और दयालुता की सराहना की और वहां एक पार्क बनाने का आदेश दिया, जिसे "शांति वन" कहा जाने लगा।

सुनहरे हंसों का घमंड

कहानी का संदेश है कि घमंड किसी को लाभ नहीं देता और सच्ची शक्ति विनम्रता और दया में होती है।

सुनहरे हंसों का घमंड

यह बच्चों को दूसरों की मदद करने और अहंकार से दूर रहने की शिक्षा देती है।