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नंदन वन के जंगल में एक सुंदर तालाब था, जो सभी जानवरों के लिए जीवन का आधार था, लेकिन शेर कालू इसे अपनी जागीर समझता था।
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एक दिन, शेर कालू ने देखा कि सुअर गोलू तालाब का पानी पी रहा है, जिससे कालू को गुस्सा आ गया और उसने गोलू को धमकाने की कोशिश की।
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गोलू ने हिम्मत दिखाते हुए शेर के खिलाफ खड़े होकर कहा कि तालाब सभी जानवरों का है, और शेर को चुनौती दे दी।
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शेर ने गोलू पर हमला किया, लेकिन गोलू के कीचड़ से सने शरीर के कारण शेर के हमले असफल रहे, जिससे शेर को उल्टियां आने लगीं।
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गोलू ने मौका देखकर शेर पर जवाबी हमला किया, जिससे शेर को चक्कर आने लगे और उसने गोलू की ताकत और चालाकी को सराहा।
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हार देखकर शेर ने गोलू से समझौता किया और तालाब को सभी जानवरों के लिए साझा करने पर सहमति जताई।
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इस समझौते के बाद, तालाब का पानी सभी जानवरों ने मिलकर पिया और कालू और गोलू अच्छे दोस्त बन गए।
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कहानी से यह सीख मिलती है कि घमंड और अहंकार हमें दूसरों से दूर कर देता है,
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लेकिन समझौता और एकता हमें करीब लाती है। सच्चा राजा वही होता है जो सबके साथ प्यार और सम्मान से रहता है।
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