ज्ञान देती एक कहानी : जीवन की सब से प्रथम गुरु हमारी माँ है

May 28, 2025, 01:49 PM

प्रथम गुरु हमारी माँ है

कहानी में राजीव की माँ उसके एमबीए परिणाम का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी और उसने उपवास रखकर भगवान से मन्नत मांगी थी कि अगर राजीव अच्छे नंबरों से पास हो जाए तो वह और तीन दिन का उपवास रखेगी।

प्रथम गुरु हमारी माँ है

राजीव अच्छे नंबरों से परीक्षा पास कर लेता है, लेकिन जब वह माँ को रिज़ल्ट दिखाता है तो मजाक में कहता है कि यह अंग्रेजी में है और माँ इसे पढ़ नहीं सकेगी, जिससे उसकी माँ की आँखों में आंसू आ जाते हैं।

प्रथम गुरु हमारी माँ है

राजीव के पिता उसे बताते हैं कि उसकी माँ ने कितनी कठिनाइयों का सामना किया और अपने बेटे के लिए कितने त्याग किए, जैसे कि कपड़े सीना, अचार-पापड़ बनाना और अपनी ज़रूरतों को त्यागना।

प्रथम गुरु हमारी माँ है

माँ ने राजीव की शिक्षा के लिए अपनी खुशियों और आराम को त्याग दिया और हर परिस्थिति में उसके साथ खड़ी रहीं, चाहे वह बीमारी हो या परीक्षा की तैयारी।

प्रथम गुरु हमारी माँ है

पिता की बातों से राजीव को एहसास होता है कि उसकी माँ ने उसे जीवन के हर पहलू में सिखाया और वही उसकी पहली गुरु हैं।

प्रथम गुरु हमारी माँ है

राजीव अपनी माँ से माफी मांगता है और समझता है कि माँ का प्रेम और समर्पण किसी भी उच्च शिक्षा या सामाजिक मानदंडों से कहीं ऊपर है।

प्रथम गुरु हमारी माँ है

प्रथम गुरु हमारी माँ है

कहानी यह संदेश देती है कि माँ का अपने बच्चे के प्रति निस्वार्थ प्रेम और समर्पण किसी भी उच्च शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण होता है।

प्रथम गुरु हमारी माँ है

अंत में, माँ अपने बेटे को गले लगाकर माफ कर देती है, यह दर्शाता है कि माँ का प्रेम हमेशा बिना शर्त होता है।