राजा की बीमारी और एक युवक का बलिदान

Apr 29, 2025, 01:15 PM

The king illness and the sacrifice of a young man

महाराणा प्रताप मोहन नामक राजा एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे, जिसका इलाज राजवैद्य भी नहीं कर पा रहे थे, जिससे पूरे राज्य में चिंता फैल गई।

The king illness and the sacrifice of a young man

राजा को ठीक करने के लिए एक वैद्य ने सुझाव दिया कि एक जीवित युवक का कलेजा चाहिए होगा, जिससे राजा चिंतित हो गए।

The king illness and the sacrifice of a young man

राजा ने घोषणा की कि कलेजा दान करने वाले के परिवार को मुंहमांगी स्वर्ण मुद्राएं दी जाएंगी, पर कोई आगे नहीं आया।

The king illness and the sacrifice of a young man

एक लालची किसान ने अपने लंगड़े बेटे को स्वर्ण मुद्राएं पाने के लिए बलि के लिए प्रस्तुत कर दिया।

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युवक को समारोह में लाया गया और उसकी अंतिम इच्छा पूछी गई, जिस पर उसने मुस्कुराते हुए अपने पिता, राजा और ईश्वर की ओर देखा।

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युवक ने बताया कि वह अपने पिता पर हंसा क्योंकि पिता ने उसे बेच दिया, राजा पर हंसा क्योंकि वह अपनी प्रजा की जान ले रहे थे, और ईश्वर पर हंसा क्योंकि उन्होंने मदद नहीं की।

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राजा युवक की बातों से प्रभावित हुए और उसे गले लगाकर मुक्त कर दिया, और युवक का पिता भी पश्चाताप से भर उठा।

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इस घटना के बाद राजा बिना किसी इलाज के ही ठीक हो गए, जिससे यह सीख मिली कि परोपकार,

The king illness and the sacrifice of a young man

सहनशीलता और मानवता का सबसे बड़ा स्थान है।