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कहानी "शेर की चालाकी और बैलों की एकता" में एक शेर चार बैलों की दोस्ती को तोड़ने की कोशिश करता है ताकि वह उन्हें अलग-अलग करके आसानी से शिकार कर सके।
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चार बैल—मोती, हीरा, मोनू, और बाली—जंगल में अच्छी दोस्ती के लिए जाने जाते थे और हमेशा साथ रहते थे, जिससे शेरू को उनके खिलाफ कोई चाल चलने का मौका नहीं मिलता था।
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शेरू ने चालाकी से बैलों के बीच गलतफहमियां पैदा कीं, जिससे वे एक-दूसरे से नाराज होकर अलग-अलग रहने लगे।
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शेरू ने अपनी चाल की सफलता के बाद अकेले चर रहे मोती पर हमला किया, लेकिन बाकी तीन बैल उसकी मदद के लिए दौड़कर आए।
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तीनों बैलों ने मिलकर शेरू पर हमला कर दिया, जिससे वह डरकर भाग गया और मोती की जान बच गई।
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मोती ने अपने दोस्तों से माफी मांगी और कहा कि शेरू ने उसे धोखा दिया था, लेकिन दोस्तों की मदद से उसे एहसास हुआ कि उनकी दोस्ती सबसे बड़ी ताकत है।
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चारों बैलों ने फिर से एकजुट होकर रहने का संकल्प लिया, यह समझते हुए कि एकता में ही शक्ति है।
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कहानी से यह सीख मिलती है कि एकता में बहुत बड़ी ताकत होती है
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और हमें अपने दोस्तों और परिवार के साथ हमेशा जुड़े रहना चाहिए ताकि कोई भी मुसीबत हमें नुकसान न पहुँचा सके।
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