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बहुत समय पहले एक छोटे से गाँव में राजा वीरेंद्र का शासन था, जो अपनी न्यायप्रियता और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे।
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राजा वीरेंद्र ने राज्य के लोगों से किसी एक को अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए एक अनोखी परीक्षा का आयोजन किया।
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राजा ने सभी बच्चों को एक-एक बीज देकर कहा कि तीन महीने बाद जो सबसे सुंदर पौधा लाएगा, वही उत्तराधिकारी बनेगा।
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अजय, जो बहुत ईमानदार और मेहनती था, ने बीज को गमले में लगाया लेकिन महीनों की मेहनत के बाद भी उसका बीज अंकुरित नहीं हुआ।
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अजय की माँ ने उसे सलाह दी कि सच दिखाना ही सही होगा, भले ही परिणाम कुछ न हो।
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तीन महीने बाद, सभी बच्चे अपने गमले लेकर राजा के पास पहुंचे, लेकिन अजय के गमले में कुछ नहीं उगा था।
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राजा ने घोषणा की कि बीज उबल चुके थे और उनसे कुछ उगाना असंभव था, और अजय की ईमानदारी के कारण वही उत्तराधिकारी बनेगा।
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कहानी से यह सीख मिलती है कि सच्चाई और ईमानदारी जीवन में सबसे महत्वपूर्ण हैं,
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और सच बोलने से हमेशा सम्मान और सफलता मिलती है।
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