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कहानी का मुख्य पात्र मन्नू है, जो रविवार के दिन पिकनिक पर जाने की सोचता है, क्योंकि मौसम सुहावना और पिकनिक के लिए उपयुक्त है।
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मन्नू अपनी मां से पूछता है कि क्या वे कहीं घूमने जा सकते हैं, मां कहती हैं कि अगर वह स्कूल का काम पूरा कर ले तो वे घूमने जा सकते हैं।
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परिवार ने गांधी पार्क जाने का कार्यक्रम बनाया है, जहां मन्नू और उसकी बहन मुन्नी ने पहले कभी नहीं देखा था।
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रविवार की सुबह सब तैयार होकर कार से गांधी पार्क के लिए निकलते हैं, रास्ते में हरे-भरे पेड़ और सुंदर घास देखकर सब आनंदित होते हैं।
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पार्क में पहुंचने पर मुन्नी चारों तरफ की हरियाली और वहां की सुंदरता से प्रभावित होती है, और पुल के ऊपर चढ़कर नहर का दृश्य देखती है।
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मन्नू और मुन्नी पार्क में झूले, फिसलपट्टी और अन्य खेलों का आनंद लेते हैं, जबकि उनके माता-पिता पार्क में टहलते हैं।
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मुन्नी तितलियां पकड़ने की कोशिश करती है और थकने पर पेड़ के नीचे आराम करती है, फिर झूलों के पास जाकर खेलना शुरू करती है।
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दिन के अंत में, परिवार घर लौटने का फैसला करता है, बच्चे पार्क के अनुभव से बहुत खुश होते हैं और भविष्य में फिर से आने की इच्छा व्यक्त करते हैं।
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कहानी में परिवार के साथ बिताए गए समय और प्रकृति के बीच के आनंद को खूबसूरती से दर्शाया गया है।
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कहानी का अंत एक सफल और आनंदमय दिन के साथ होता है, जहाँ सब घर लौट जाते हैं।
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