जहां समोसे खाए बिना दिमाग की बत्ती नहीं जलती

दुनिया भर के बच्चे, बुजुर्ग और युवाओं की पहली पसंद, लोटपोट के प्यारे कार्टून कैरेक्टर मोटू के समोसा क्रेज के बारे में सबको पता है और मजे की

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where without eating samosas the light of the brain does not light up

दुनिया भर के बच्चे, बुजुर्ग और युवाओं की पहली पसंद, लोटपोट के प्यारे कार्टून कैरेक्टर मोटू के समोसा क्रेज के बारे में सबको पता है और मजे की बात यह है कि अब मोटू की देखा देखी दुनिया में बहुत लोगों के दिमाग की बत्ती तब तक नहीं जलती जब तक वे समोसा ना खा ले।  चलिए आज  उसी समोसा के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी लेते हैं। भारतीय स्नैक्स में समोसे की बड़ी डिमांड है, इसलिए सबको लगता है कि समोसा भारतीय डिश है, लेकिन असल में समोसे का इतिहास सेंट्रल एशिया से जुड़ा हुआ है जो दसवीं शताब्दी में हज़ारों मील की यात्रा करके भारत तक पंहुचा था।

इतिहासकारों का कहना है कि फारसी इतिहास में समोसे का जिक्र है। फारसी भाषा में समोसे को संबोसाग कहा जाता है। वैसे देश दुनिया में मोटू के पसंदीदा समोसे के अलग अलग नाम भी है जैसे सौमसा, समूजा, सिंगड़ा,  सिंहगाडा, समसा बोरेगी वगैरह। इतिहास में बताया गया है कि दसवीं सदी में, महमूद गज़नवी के शाही दरबार में जो  नमकीन, सूखे मेवे और कीमा से भरी पेस्ट्री परोसी जाती थी, वही आगे चलकर आलू, मटर, छोले वाले समोसे के रूप में भारतीय स्वाद में घुल मिल गया और इक्कीसवीं शताब्दी तक आते आते अपना रूप, आकार और स्वाद बदलते हुए वो लोटपोट के मोटू वाला समोसा बन गया और रेहड़ी, फुटपाथ के दुकानों से लेकर बड़े बड़े होटल्स में परोसा जाने लगा।

कहते हैं कि समोसा अरबी लोगों का सबसे फेवरेट स्नैक्स रहा है जिसे प्याज, गोश्त या पनीर भरकर बनाया जाता था। कहा यह भी जाता है कि पाकिस्तान के समोसे भी बहुत टेस्टी होते है।  दिलचस्प बात यह है कि हर सौ किलोमीटर पर समोसे के अंदर का मसाला और ऊपर की परत बदल जाती है जिससे टेस्ट भी अलग अलग हो जाता है। कहीं समोसे की ऊपरी परत पतली होती है तो कहीं मोटी होती है। कराची के समोसे की ऊपरी परत पतली होती है जिससे उसे काग़ज़ी समोसा कहा जाता है।

दसवीं शताब्दी में, मध्य पूर्व देशों के लोग जब कई कई दिनों तक यात्रा करते थे तो अपने साथ भोजन के रूप में इसी समोसे में गोश्त, प्याज भरकर आग में सेंक कर ले जाते थे। आज के समोसे मांसाहारी और शाकाहारी दोनों तरह से बनते है और धनिया की चटनी, टमाटर की चटनी, पुदीने हरि मिर्च की चटनी, सौस, इमली की चटनी के साथ  खाया जाता है। अब तो समोसा को तलने के साथ साथ बेक करके भी बनाया जाता है। आज की तारीख में समोसे ने विदेशों में भी अपनी धाक जमा ली है।

जिस देश में सदियों तक चाय के साथ बिस्किट और   ग्रेनोला खाया जाता था, वहाँ आज युवाओं द्वारा चाय के साथ जमकर गर्मागरम समोसा, चटनी खाई जा रही है। लगता है दुनिया की फेवरेट कार्टून कैरेक्टर मोटू पतलू की जोड़ी ने समोसे की लत दुनिया को लगा दी है।

★सुलेना मजुमदार अरोरा★