जंगल कहानी - भेड़िया और सारस

एक भूखा भेड़िया जंगल में घूमते हुए एक मरे हुए बैल को देखता है और लालच में आकर मांस खाने लगता है, जिससे एक हड्डी उसके गले में फंस जाती है।

भेड़िया दर्द से तड़पकर मदद की खोज में इधर-उधर भागता है और पास के तालाब में रहने वाले सारस को मदद के लिए पुकारता है।

सारस भेड़िये की मदद करने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन पहले उससे वादा लेता है कि भेड़िया उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

सारस अपनी लंबी चोंच से भेड़िये के गले से हड्डी निकालता है, जिससे भेड़िये को राहत मिलती है।

जब सारस अपनी मेहनत का इनाम मांगता है, तो भेड़िया उसे इनाम देने से मना कर देता है और कहता है कि उसकी जान बचना ही इनाम है।

सारस भेड़िये की कृतघ्नता पर हैरान होता है और उसे चेतावनी देता है कि ऐसा लालच उसे बर्बाद करेगा।

कुछ दिनों बाद भेड़िया सचमुच मुसीबत में पड़ जाता है और कोई उसकी मदद के लिए नहीं आता, जबकि सारस अपनी सद्भावना के कारण जंगल के अन्य जानवरों का प्रिय बन जाता है।

कहानी से यह नैतिक शिक्षा मिलती है कि कृतज्ञता और सद्भावना जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं, और लालच व कृतघ्नता से बचना चाहिए।