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भेड़िया और सारस: कृतज्ञता का पाठ : एक बार की बात है, जंगल के किनारे एक भूखा भेड़िया घूम रहा था। उसका पेट दिनभर कुछ न खाने की वजह से चिल्ला रहा था। तभी उसे दूर एक मरा हुआ बैल दिखाई दिया। उसकी आंखों में चमक आ गई, और वह तेजी से बैल के पास पहुंचा। उसने बिना वक्त गवांए मांस खाना शुरू कर दिया। वह इतना लालची हो गया कि उसने ध्यान नहीं दिया कि उसकी गले में एक बड़ी हड्डी फंस गई। अब वह दर्द से छटपटाने लगा। सांस लेना मुश्किल हो गया और आंखों से आंसू निकलने लगे।
भेड़िया मदद के लिए इधर-उधर भागने लगा। उसने सोचा, "अगर कोई मेरी मदद नहीं करेगा तो मैं मर जाऊंगा।" तभी उसे याद आया कि पास के तालाब में सारस रहता है। वह हांफते हुए तालाब के पास पहुंचा और सारस को पुकारने लगा। "सारस भाई, मेरी मदद करो। मेरे गले में हड्डी अटक गई है। मैं मर जाऊंगा।"
सारस ने भेड़िये की हालत देखी और बोला, "तुमने इतनी लापरवाही से खाया क्यों? लेकिन चलो, मैं तुम्हारी मदद करता हूं। लेकिन वादा करो कि तुम मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचाओगे।"
भेड़िया गिड़गिड़ाने लगा, "मैं कसम खाता हूं कि तुम्हें कोई नुकसान नहीं होगा। बस मेरी जान बचा लो।"
सारस ने अपनी लंबी चोंच को भेड़िये के गले में डालकर बड़ी सावधानी से हड्डी बाहर निकाली। भेड़िया राहत की सांस लेते हुए बोला, "धन्यवाद, अब मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं।"
सारस ने कहा, "अब तुम मुझे मेरी मेहनत का इनाम दो। मैंने अपनी जान जोखिम में डालकर तुम्हारी मदद की है।"
भेड़िया ठहाका लगाते हुए बोला, "इनाम? क्या तुम मजाक कर रहे हो? तुम्हें इनाम चाहिए? तुमने मेरी जान बचाई और तुम्हारी जान भी बच गई क्योंकि मैं तुम्हें खा सकता था। यही तुम्हारा इनाम है।"
सारस उसकी बात सुनकर हैरान रह गया। उसने कहा, "तुम जैसे कृतघ्न जीव से यह उम्मीद नहीं थी। याद रखना, जो दूसरों का अहसान नहीं मानता, वह कभी सुखी नहीं रहता। तुम्हारा लालच तुम्हें एक दिन बर्बाद कर देगा।"
भेड़िया सारस की बातों को अनसुना कर अपने रास्ते चला गया। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसकी लालच और अहसान फरामोशी ने उसे मुसीबत में डाल दिया। वह जंगल के दूसरे जानवरों से लड़ाई में घायल हो गया और अकेला रह गया। कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया।
इस बीच, सारस अपने सद्भावना और मदद के स्वभाव के लिए जंगल के अन्य जानवरों का प्रिय बन गया। सभी उसकी इज्जत करने लगे।
नैतिक शिक्षा:
यह कहानी हमें सिखाती है कि कृतज्ञता और सद्भावना जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं। लालच और कृतघ्नता से हमेशा बचना चाहिए, क्योंकि यह न केवल दूसरों के लिए बल्कि खुद के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।
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