अहंकार और विनम्रता का संघर्ष: जंगल की कहानी- यह कहानी जंगल के दो जानवरों, गर्वीले शेर और विनम्र हाथी के बीच के संघर्ष को दर्शाती है। इस कहानी में अहंकार और विनम्रता के बीच की लड़ाई के माध्यम से बच्चों को विनम्रता का महत्व समझाया जाता है।
जंगल का राजा, शेर गर्जन, अपनी ताकत और शक्ति पर बहुत गर्व करता था। वह हमेशा अपने आप को सबसे शक्तिशाली मानता और अक्सर दूसरे जानवरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता। उसके इस व्यवहार से जंगल के अन्य जानवर अक्सर परेशान रहते थे।
एक दिन, जंगल में एक बड़ा संकट आया। एक भयानक आग ने जंगल के एक हिस्से को घेर लिया। सभी जानवर डर और चिंता में दौड़े-भागे कर रहे थे। इस दौरान, हाथी बलराम, जो कि हमेशा से सभी की मदद करता आया था, आगे आया और सभी जानवरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का प्रयास करने लगा।
शेर गर्जन ने यह देखा और उसने सोचा, "मैं जंगल का राजा हूं, मुझे ही सबको बचाना चाहिए।" उसने भी मदद करने की कोशिश की, लेकिन उसका अहंकार और गुस्सा उसे ठीक से काम नहीं करने दे रहा था।
हाथी बलराम ने शेर को देखा और समझाया, "गर्जन, हमें मिलकर काम करना होगा। तुम्हारी शक्ति और मेरी समझ अगर साथ आ जाए, तो हम इस संकट से जंगल को बचा सकते हैं।"
गर्जन ने थोड़ा सोचा और फिर हाथी की बात मान ली। दोनों ने मिलकर जानवरों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और आग को फैलने से रोकने के उपाय किए।
इस घटना के बाद, शेर गर्जन को अहसास हुआ कि अहंकार से कुछ हासिल नहीं होता। उसने अपनी गलतियों को स्वीकार किया और हाथी बलराम का आभार व्यक्त किया।
कहानी से सीख: इस कहानी से बच्चे सीख सकते हैं कि अहंकार किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। विनम्रता और सहयोग से ही बड़ी से बड़ी मुश्किलें हल हो सकती हैं।
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