माँ का प्यार: चिड़िया की ममता की कहानी
"माँ का प्यार: चिड़िया की ममता की कहानी" में एक चिड़िया अपने चार बच्चों—चुनमुन, गुनगुन, फुरफुर और टुनटुन—के लिए बारिश में खाना लाने की हिम्मत करती है। तेज बारिश के बावजूद वह किसान के आँगन से अनाज लाकर
"माँ का प्यार: चिड़िया की ममता की कहानी" में एक चिड़िया अपने चार बच्चों—चुनमुन, गुनगुन, फुरफुर और टुनटुन—के लिए बारिश में खाना लाने की हिम्मत करती है। तेज बारिश के बावजूद वह किसान के आँगन से अनाज लाकर
"मूर्ख बकबक और समझदार तेजदृष्टि की बहस" कहानी में बकबक गीदड़ और तेजदृष्टि बाज़ के बीच सूरज के रंग को लेकर बहस होती है। जंगल के राजा ज्ञानेंद्र बकबक की बात मान लेते हैं, लेकिन तेजदृष्टि को सजा दे देते हैं।
"जंगल कहानी: चिरैया, चिंटू और शिकारी का जाल" कहानी में चिरैया और उसका झुंड एक शिकारी के जाल में फँस जाता है। चिरैया अपनी एकता की ताकत से जाल को हवा में उठाकर अपने दोस्त चिंटू चूहे के पास पहुँचती है।
"भय और लालच से बड़ा क्या?" कहानी में दो उल्लू, मोती और सोना, अपने पंजों में एक साँप काला और एक चूहा चिंटू को पकड़ते हैं। काला चिंटू को खाने की लालच में अपनी जान का खतरा भूल जाता है
"अपनी खुशियाँ पहचानो" कहानी में कालू नाम का एक कौआ अपनी ज़िंदगी से खुश रहता है, लेकिन हंस को देखकर उससे तुलना करता है। हंस तोते को सुंदर बताता है, और तोता मोर को। कालू मोर से मिलने चिड़ियाघर जाता है
"नदी के किनारे एक चालाक हिरण की कहानी " कहानी में चिंटू नाम का एक हिरण नदी के उस पार जामुन खाने की इच्छा रखता है, लेकिन उसे डर है कि मगरमच्छ उसे खा लेंगे। चिंटू अपनी चतुराई से मगरमच्छों को धोखा देता है।
"जंगल का छोटा साहसी" कहानी में मिक्की नाम का एक नन्हा बंदर अपने दोस्तों—कालू, मिंटू, और रानी—के साथ जंगल में रहता है। मिक्की का सपना सूरज के पेड़ पर चढ़कर सूरज को पास से देखना है।