चतुर कौआ और शातिर सांप

"चतुर कौआ और शातिर सांप" एक मोटिवेशनल पंचतंत्र कहानी है, जो जंगल में एक बरगद के पेड़ पर रहने वाले कौआ और कव्वी की संघर्षपूर्ण यात्रा को दर्शाती है। एक शातिर सांप उनके अंडों और बच्चों को नुकसान पहुंचाता है

New Update
chatur-kauwa-aur-shatir-saap-prerak-panchatantra-kahani
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

"चतुर कौआ और शातिर सांप" एक मोटिवेशनल पंचतंत्र कहानी है, जो जंगल में एक बरगद के पेड़ पर रहने वाले कौआ और कव्वी की संघर्षपूर्ण यात्रा को दर्शाती है। एक शातिर सांप उनके अंडों और बच्चों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे वे परेशान हो जाते हैं। कौआ अपनी बुद्धिमानी से पहले ऊंचे घोंसले में शरण लेता है, लेकिन सांप फिर भी उनके नवजात बच्चों को मार देता है। निराशा में वे लोमड़ी की शरण लेते हैं, जो एक चतुर योजना बनाती है।

कौआ राजकुमारी के हार को चुराकर सैनिकों को सांप के खोह तक ले जाता है, जहां सैनिक सांप को मार देते हैं। यह कहानी बच्चों को बुद्धि, साहस, और मित्रता के महत्व को सिखाती है। यह हिंदी की बेस्ट मोटिवेशनल स्टोरी के रूप में जंगल की चतुराई और एकता के संदेश को बढ़ावा देती है, जो हर उम्र के पाठकों के लिए प्रेरणादायक है।

एक घने जंगल में एक विशाल बरगद का पेड़ खड़ा था, जिसकी शाखाएं दूर-दूर तक फैली हुई थीं। इस पेड़ पर एक प्यारा सा घोंसला था, जहां एक कौआ और उसकी साथी कव्वी सुखपूर्वक रहते थे। वे हर साल इस घोंसले में अपने अंडे देते और अपने परिवार को बढ़ाते। लेकिन एक दिन जंगल में एक अनचाही मेहमानानी ने उनकी शांति भंग कर दी। पेड़ के खोखले तने में एक शातिर सांप ने डेरा जमा लिया, जो हर मौके की ताक में रहता था।

जैसे ही बारिश का मौसम आता और कव्वी अंडे देती, यह सांप चुपके से घोंसले में घुसकर उनके अंडों को निगल जाता। एक बार की बात है, जब कौआ और कव्वी भोजन की तलाश में गए थे और जल्दी लौट आए। उन्होंने देखा कि शातिर सांप उनके घोंसले में अंडों पर झपट्टा मार रहा है। अंडे खाकर सांप अपने खोह में लौट गया। कव्वी की आंखों में आंसू आ गए, लेकिन कौआ ने उसे सांत्वना दी, "प्रिये, घबराओ मत। अब हमें उसका पता चल गया है। हम कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल लेंगे।"

कौआ ने सोच-विचार किया और फैसला लिया कि पुराने घोंसले को छोड़कर पेड़ की सबसे ऊंची टहनी पर नया घोंसला बनाया जाए। उसने कव्वी से कहा, "यहां ऊपर चील हमेशा आसमान में मंडराती रहती है, जो सांपों की दुश्मन है। शातिर सांप इस ऊंचाई तक आने की हिम्मत नहीं करेगा। चलो, नए सिरे से शुरू करते हैं।" कव्वी ने भरोसा जताया, "ठीक है, अगर तुम्हारा यह प्लान काम कर गया, तो हमारा परिवार सुरक्षित रहेगा।"

नए घोंसले में कव्वी ने फिर से अंडे दिए, और इस बार वे सुरक्षित रहे। अंडों से प्यारे-प्यारे बच्चे निकले। लेकिन शातिर सांप ने हार नहीं मानी। उसने टोह ली और देखा कि कौआ-कव्वी उसी पेड़ के आसपास मंडरा रहे हैं। उसे शक हुआ, और एक दिन उसने खोह से निकलकर ऊपर चढ़ाई की। उसने नया घोंसला ढूंढ लिया, जहां तीन नन्हे कौओं की चहचहाहट सुनाई दे रही थी। सांप ने बिना देर किए उन मासूम बच्चों को एक-एक करके निगल लिया और संतुष्ट होकर अपने खोह में लौट गया।

जब कौआ और कव्वी लौटे, तो घोंसला खाली देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बिखरे पंख और टूटा घोंसला उनकी आंखों के सामने सच्चाई बयान कर रहा था। कव्वी रोते हुए बोली, "अब क्या होगा? हर साल हमारे बच्चे इसी सांप का शिकार होंगे?" कौआ ने गंभीर स्वर में कहा, "नहीं, भागना समाधान नहीं है। हमें अपने मित्रों की मदद लेनी होगी। चलो, जंगल की चतुर लोमड़ी के पास चलते हैं।"

chatur-kauwa-aur-shatir-saap-prerak-panchatantra-kahani1

दोनों ने तुरंत लोमड़ी के पास पहुंचे, जो जंगल के किनारे एक गुफा में रहती थी। लोमड़ी ने उनकी आपबीती सुनी और सहानुभूति जताई। उसने कहा, "दोस्तों, रोओ मत। हमें उस सांप से छुटकारा पाने का तरीका सोचना होगा। मुझे एक योजना सूझी है।" कौआ ने उत्सुकता से पूछा, "क्या योजना है, दोस्त? हमें तो कोई रास्ता नहीं दिख रहा।" लोमड़ी ने मुस्कुराते हुए कहा, "धैर्य रखो, मैं बताती हूं। हमें राजकुमारी की मदद लेनी होगी, जो हर मंगलवार सरोवर में स्नान करती है।"

लोमड़ी ने एक चतुराई भरी योजना बनाई। अगले मंगलवार को जंगल के पास एक खूबसूरत सरोवर था, जहां कमल और नीलमणि के फूल खिले रहते थे। उस दिन राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ स्नान करने आई। उनके कपड़े और आभूषण तट पर रखे थे, जिसमें एक कीमती हीरे का हार भी शामिल था। योजना के मुताबिक, कौआ वहां उड़ा और "कांव-कांव" की आवाज के साथ हार को चोंच में दबाकर उड़ गया। सहेलियों ने चीखते हुए कहा, "अरे, कौआ राजकुमारी का हार ले गया!" सैनिकों ने पीछा शुरू किया।

कौआ सैनिकों को अपने पीछे ले आया और सही समय पर हार को सांप के खोह में गिरा दिया। सैनिकों ने खोह में झांककर सांप को देखा और भाले से वार करके उसे खत्म कर दिया। कौआ और कव्वी ने लोमड़ी का धन्यवाद किया, "तुमने हमारी जान बचाई, दोस्त!" लोमड़ी ने कहा, "एकता और बुद्धि से हर मुसीबत हारती है।"

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बुद्धि और सूझबूझ से हम किसी भी शक्तिशाली दुश्मन को हरा सकते हैं। कौआ ने हार न मानकर चतुराई से सांप की साजिश को नाकाम किया, जो दिखाता है कि कठिन समय में हिम्मत और समझदारी ही रास्ता दिखाती है। दूसरी सीख यह है कि मुसीबत के वक्त मित्रों का साथ अमूल्य होता है। लोमड़ी की मदद ने कौआ परिवार को नई जिंदगी दी। अंत में, यह कहानी हमें सिखाती है कि भागने की बजाय समस्या का हल निकालना ही सच्ची जीत है।

और पढ़ें  : 

Jungle Kahani : हंस और उल्लू

जंगल कहानी : स्मार्ट कबूतर की चतुराई

जंगल कहानी : भूलक्कड़ हाथी

Jungle Story : चुहिया की होशियारी

Tags- चतुर कौआ, शातिर सांप, पंचतंत्र कहानी, मोटिवेशनल स्टोरी, हिंदी कहानी, बच्चों की शिक्षा, बुद्धिमानी, चतुर कौआ और शातिर सांप, पंचतंत्र कहानी, हिंदी मोटिवेशनल स्टोरी, बुद्धि का प्रयोग, जंगल की कहानी, बच्चों की प्रेरक कहानी,  Jungle Story | best hindi jungle story | Best Jungle Story | Best Jungle Story for Kids | best jungle story in hindi | choti jungle story | Hindi Jungle Story | inspirational jungle story | jungle story in Hindi for kids | Jungle story in Hindi | jungle story for kids | jungle story for children | jungle story with moral | kids hindi jungle story | kids jungle story | moral jungle story | Lotpot Jungle Story | kids jungle story in hindi | moral jungle story for kids | moral jungle story Hindi | short hindi jungle story | short jungle story in hindi