E-Comic मोटू-पतलू और चीख़
अरे वाह! मज़ेदार ख़बर आ रही है मायापुरी से! हमारे प्यारे, समोसे-प्रेमी मोटू और उसके अकलमंद दोस्त पतलू एक बार फिर एक ऐसे ख़तरे में कूद पड़े हैं, जिसका कनेक्शन है सीधे एक लाख डॉलर के भारी-भरकम इनाम से!
अरे वाह! मज़ेदार ख़बर आ रही है मायापुरी से! हमारे प्यारे, समोसे-प्रेमी मोटू और उसके अकलमंद दोस्त पतलू एक बार फिर एक ऐसे ख़तरे में कूद पड़े हैं, जिसका कनेक्शन है सीधे एक लाख डॉलर के भारी-भरकम इनाम से!
क्या आपने कभी किसी चीज़ को देखकर सोचा है — “काश! ये मेरी होती!” 😋 बिलकुल वैसे ही जैसे जब हम बेकरी की दुकान के बाहर से देखते हैं — केक, पेस्ट्री, चॉकलेट्स… और फिर हमारी ज़ुबान अपने आप कहती है
E-Comic : सम्पत चम्पत और बैंक की लूट- क्या आपने कभी सुना है — चोर भी कभी-कभी खुद ही फँस जाते हैं? अगर नहीं, तो तैयार हो जाइए एक ऐसी ही हँसी-ठिठोली भरी कहानी के लिए जहाँ न सिर्फ ठहाके लगते हैं बल्कि सिखने को भी मिलता है।
E-Comic : मोटू पतलू और नेता के वादे- क्या आपने कभी सोचा है कि चुनाव से पहले हाथ जोड़कर, विनम्रता से वोट माँगने वाले हमारे 'जन-सेवक' चुनाव जीतने के बाद कहाँ गायब हो जाते हैं? यह व्यंग्यात्मक कॉमिक स्क्रिप्ट
क्या कभी आपने सोचा है कि अगर कोई आपको स्वर्ग देने का वादा करे, तो आप उसके बदले में क्या देंगे? हमारे इस कॉमिक्स में, चेलाराम नाम का एक मज़ेदार और चालाक आदमी एक ऐसे साधु से मिलता है
क्या आपने कभी सोचा है कि आपका सबसे अच्छा दोस्त ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन बन जाए? हमारी इस कहानी में नीटू और उसके रोबो दोस्त के साथ कुछ ऐसा ही होने वाला है।
बच्चों, क्या आपने कभी भूख लगने पर सिर्फ़ कल्पना में खाना खाया है? या फिर किसी दोस्त से कुछ वादा किया हो, और बाद में पता चले कि वह तो सिर्फ़ एक मज़ाक था?