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गर्मी का मौसम जंगल में दस्तक दे चुका था। हर जानवर पसीने से तरबतर था। उसी समय जंगल में यह खबर फैली कि सूरज का जल्द ही विवाह होने वाला है। इस खबर ने कुछ जानवरों को खुशी दी, तो कुछ को चिंता। मेंढक सबसे ज्यादा उत्साहित था और खुशी-खुशी कूदते हुए बोला, "अरे दोस्तों! क्या तुमने सुना? सूरज का विवाह होने वाला है! अब हमें और भी ज्यादा रोशनी मिलेगी, और हमारी झीलें हमेशा गर्म रहेंगी।"
सभी जानवर मेंढक की बात सुनकर हंसे, मगर बूढ़ा हाथी गंभीर स्वर में बोला, "यह खुशी की बात नहीं है, मेंढक। सूरज का विवाह हो जाएगा, तो उसकी गर्मी कई गुना बढ़ जाएगी। सोचो, हम सब कैसे जिंदा रहेंगे?"
इस बात पर सभी जानवरों में खलबली मच गई। हिरन ने कहा, "अगर सूरज की गर्मी और बढ़ गई, तो पेड़-पौधे कैसे जीवित रहेंगे?"
तभी नन्ही चिड़िया ने चहकते हुए कहा, "हमें मिलकर सूरज से बात करनी चाहिए। अगर वह ज्यादा गर्मी देगा, तो हम सबकी जान मुश्किल में पड़ जाएगी।"
सभी जानवरों ने मिलकर एक योजना बनाई। वह सूरज से मिलने गए और विनम्रता से उसे अपनी चिंता बताई। सूरज ने मुस्कुराते हुए कहा, "मेरे प्यारे दोस्तों, तुम सबकी चिंता जायज़ है, लेकिन मैं वादा करता हूँ कि मैं संतुलन बनाए रखूंगा। मैं तुम सबका ख्याल रखूंगा, चाहे मेरा विवाह हो या ना हो।"
इस बात पर सभी जानवरों ने राहत की सांस ली। मेंढक ने खुशी-खुशी उछलते हुए कहा, "चलो, अब हम मिलकर जंगल में धूप का आनंद लें!"
सीख: अत्यधिक उत्साह और उत्सव के पीछे छिपी चिंताओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जीवन में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, तभी हम सब खुशी-खुशी आगे बढ़ सकते हैं।