Jungle Story : दोस्त की मदद एक जंगल में एक कछुआ और लोमड़ी रहते थे। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन उनकी खूबियों और कमजोरियों में बड़ा अंतर था। कछुआ बहुत धीमी चाल से चलता था, जबकि लोमड़ी तेज और चालाक थी। फिर भी, दोनों हमेशा साथ रहते थे और एक-दूसरे की मदद करते थे। By Lotpot 16 Sep 2024 in Jungle Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 दोस्त की मदद- एक जंगल में एक कछुआ और लोमड़ी रहते थे। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन उनकी खूबियों और कमजोरियों में बड़ा अंतर था। कछुआ बहुत धीमी चाल से चलता था, जबकि लोमड़ी तेज और चालाक थी। फिर भी, दोनों हमेशा साथ रहते थे और एक-दूसरे की मदद करते थे। पहला मोड़: जंगल का सफर एक दिन कछुआ और लोमड़ी ने तय किया कि वे जंगल के दूसरी तरफ जाकर नया इलाका देखेंगे। लोमड़ी उत्साहित थी और तेजी से चलने लगी, लेकिन कछुआ अपनी धीमी चाल में ही चला जा रहा था। रास्ते में लोमड़ी कछुए को छोड़कर आगे बढ़ गई, लेकिन कुछ देर बाद उसे कछुए की चिंता होने लगी। लोमड़ी ने सोचा, "कछुआ बहुत धीमा है, उसे मेरी मदद की ज़रूरत हो सकती है।" वह कछुए के पास वापस लौटी और बोली, "दोस्त, तुम बहुत धीमी गति से चल रहे हो। क्या मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकती हूँ?" कछुआ ने धीरे-धीरे कहा, "मैं तेज़ नहीं चल सकता, लेकिन अगर तुम अपनी पीठ पर मुझे बिठा लो, तो हम जल्दी पहुँच जाएंगे।" दूसरा मोड़: साथ चलने की शक्ति लोमड़ी ने कछुए की बात मानी और उसे अपनी पीठ पर बिठा लिया। अब दोनों साथ-साथ तेजी से आगे बढ़ने लगे। कछुआ खुश था कि उसे इतनी तेज़ी से सफर करने का मौका मिल रहा था और लोमड़ी भी खुश थी कि उसने अपने दोस्त की मदद की। रास्ते में उन्हें एक नदी मिली, जो बहुत चौड़ी और गहरी थी। लोमड़ी ने कछुए से कहा, "अब हमें इस नदी को पार करना है, लेकिन मुझे तैरना नहीं आता। क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?" कछुआ मुस्कराया और बोला, "मैं तैरने में माहिर हूँ। तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ, मैं तुम्हें नदी पार करा दूंगा।" लोमड़ी ने कछुए की बात मानी और उसकी पीठ पर बैठ गई। कछुआ धीरे-धीरे तैरकर नदी पार करने लगा। अंतिम मोड़: एक-दूसरे की मदद का महत्व जब वे दोनों नदी पार कर गए, तो लोमड़ी ने कछुए का धन्यवाद किया और बोली, "दोस्त, अगर हम एक-दूसरे की मदद नहीं करते, तो हम कभी इस सफर को पूरा नहीं कर पाते।" कछुआ भी मुस्कराया और बोला, "सच कहा दोस्त, हमें हमेशा एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। साथ मिलकर हम हर मुश्किल को पार कर सकते हैं।" कहानी से सीख: इस कहानी से यह सीख मिलती है कि चाहे हम कितने भी अलग हों, अगर हम अपने दोस्तों की मदद करें और मिलकर काम करें, तो हर मुश्किल को आसानी से पार कर सकते हैं। सच्ची दोस्ती तभी सफल होती है, जब हम एक-दूसरे का सहारा बनते हैं। यह भी पढ़ें:- JUNGLE STORY: वन का सनकी राजा और चीटियों की चतुराई जंगल की अनसुनी कहानी : : गोलू की चतुराई जंगल की अनसुनी कहानी : : गीदड़ की होशियारी जंगल की अनसुनी कहानी : : चतुर खरगोश #Jungle World #Jungle Kahania #hindi jungle kahani #jungle kahani in hindi #choti jungle kahani You May Also like Read the Next Article