एक बार की बात है, घने जंगल में एक छोटा सा हिरण था जिसका नाम था चंचल। चंचल हमेशा खेलने और उछलने में मस्त रहता था। एक दिन, वह जंगल में अपने दोस्तों के साथ छिपा-छिपी खेल रहा था।
चंचल का सबसे अच्छा दोस्त था मीठू, जो कि एक चतुर तोता था। मीठू हमेशा चंचल को खेल में नई तरकीबें सिखाता रहता था।
खेल के दौरान, मीठू ने चंचल से कहा, "देखो चंचल, जंगल में खेलते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए। क्या तुमने वह बड़ा पेड़ देखा है? उसके पीछे एक बड़ा खतरा छुपा हो सकता है।"
चंचल, जो कि अब तक बेफिक्र खेलता रहा था, ने मीठू की बातों पर गौर किया और उत्सुकतावश पूछा, "कैसा खतरा, मीठू?"
मीठू ने जवाब दिया, "जैसे कि शिकारी जानवर या फंदा। हमें हमेशा अलर्ट रहना चाहिए और अपने आस-पास का ध्यान रखना चाहिए।"
इसी बीच, जंगल का राजा शेर राजा गरज के साथ वहां पहुंचा और बोला, "मुझे यहाँ किसी की हंसी सुनाई दी। क्या यहाँ खेल का मैदान है?"
सभी जानवर घबरा गए, पर मीठू ने हिम्मत दिखाई और कहा, "महाराज, हम सभी यहां खेल रहे थे और सावधानी बरत रहे थे। यह हमारा घर है, और हम यहां खुशी-खुशी रहते हैं।"
शेर राजा ने कहा, "ठीक है, मैं देख रहा हूँ कि तुम लोग सावधानी के साथ खेल रहे हो। लेकिन याद रखो, सुरक्षा पहले।"
उस दिन से, चंचल और उसके सभी दोस्त सावधानीपूर्वक खेलने लगे। उन्होंने सीखा कि मज़ा करना ज़रूरी है, पर सुरक्षा उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
मोरल: खेल-खेल में सुरक्षा का भी ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि जान है तो जहान है।
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