Read Full Story
कहानी का मुख्य पात्र धीरू है, जिसे उसके पिता ने दुकान की बिक्री का पैसा सुरक्षित घर पहुंचाने का जिम्मा सौंपा।
Read Full Story
धीरू को घर पहुंचने के दौरान एक भूत का सामना करना पड़ा, जिससे वह बहुत डर गया और तेजी से घर भागा।
Read Full Story
उसकी मम्मी ने उसे समझाया कि भूत-प्रेत केवल मन का भ्रम होते हैं और धीरू को यह बात समझ में आ गई।
Read Full Story
कुछ दिनों बाद, धीरू को पता चला कि पुलिया के पास एक व्यक्ति भूत का मुखौटा पहनकर लोगों को लूटता है।
Read Full Story
धीरू ने अपने साथियों के साथ मिलकर उस व्यक्ति को पकड़ने की योजना बनाई और सफलतापूर्वक उसे पकड़ लिया।
Read Full Story
पकड़े जाने पर, लुटेरे ने स्वीकार किया कि वह भूत का मुखौटा पहनकर लोगों को लूटता था और उसने अपने बुरे कामों से तौबा कर ली।
Read Full Story
इस कहानी का नैतिक संदेश यह है कि हर बुरे काम का नतीजा बुरा होता है और मेहनत से कमाई करना ही सही है।
Read Full Story
कहानी धीरू और उसके साथियों की बहादुरी और समझदारी को प्रदर्शित करती है,
Read Full Story
जिन्होंने समाज के सामने एक अपराधी को बेनकाब किया।
Read Full Story