Jungle Story : मूर्ख चूहे का घमंड

एक घने जंगल में नागराज अपनी मणि के साथ सुखी जीवन बिता रहा था, जो उसकी पहचान और ताकत का प्रतीक थी।

एक दिन नागराज की मणि गायब हो गई, जिससे वह दुखी और गुस्से में आ गया और जंगल में हल्ला मच गया।

शेर ने एक सभा बुलाई और चतुर लोमड़ी को मणि चोर को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी।

लोमड़ी ने नागराज के बिल के आसपास के चूहों पर ध्यान दिया और मोतीराम चूहे के अजीब व्यवहार को नोट किया।

मोतीराम ने मणि चुराई थी और घमंड में अकेला रहने लगा था, जिसे लोमड़ी ने समझ लिया।

लोमड़ी ने मोतीराम से सच्चाई उगलवाने के लिए चालाकी से सवाल किए और उसने अंततः अपना जुर्म कबूल किया।

शेर ने मोतीराम को जंगल के कानून के खिलाफ काम करने के लिए जंगल से निकाल दिया।

कहानी से सीख मिलती है कि चोरी और घमंड से कभी किसी का भला नहीं होता; सच्ची सफलता मेहनत और ईमानदारी से मिलती है।

यह कहानी हमें सिखाती है कि चोरी और घमंड से कभी किसी का भला नहीं होता। सच्ची सफलता मेहनत और ईमानदारी से मिलती है। जो दूसरों की मदद करता है, वही असली विजेता होता है।