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पिछले दिनों जिनेवा में एक अभूतपूर्व घटना देखी गई, जब 51 एआई-संचालित रोबोटों के एक समूह ने 3,000 विशेषज्ञों के साथ एक अभूतपूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एआई-संचालित रोबोटों की क्षमताओं, वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की उनकी क्षमता और मनुष्यों के साथ सहयोग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया गया।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक रोबोट, एमेका को देख लोग हैरान रह गए, जिसने प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान अपने जीवंत चेहरे के भावों से सबको आश्चर्यचकित कर दिया। सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, भूख और सामाजिक देखभाल जैसी ग्लोबल चुनौतियों से निपटने में रोबोट के अर्टीफ़ीशियल इंटेलिजेंस की क्षमता का पता लगाना था।
सम्मेलन के दौरान, रोबोटों से मीडिया ने कई विषयों पर विभिन्न प्रश्न पूछे। विशेष रूप से, रोबोटों में से एक, सोफिया ने विश्वास व्यक्त किया कि वे मानवीय भावनाओं के बिना, केवल सच्चाई पर आधारित निष्पक्ष निर्णय ले पाने में सक्षम होने के कारण, मनुष्यों की तुलना में, दुनिया पर अधिक प्रभावी ढंग से शासन कर सकते हैं। हालाँकि, रोबोटों ने मानवीय भावनाओं को समझने में अब तक अपनी लिमिटेशंस को भी स्वीकार किया। स्वास्थ्य सेवा और बायोटेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट रोबोट ऐडा ने मानव जीवन काल को 150 से 180 साल तक बढ़ाने की संभावना का भी खुलासा किया, यह आइडिया आम जनता के लिए काफी हद तक नया है।
इन रोबॉट्स का निर्माण करने वाले अपने रचनाकारों के प्रति इनके इरादों तथा इन आर्टिफ़ीशियल इंटेलिजेंस के कारण मानव रोजगार के लिए होने वाले खतरे के बारे में भी चिंताएँ व्यक्त की गईं। जवाब में, रोबोटों ने स्पष्ट रूप से आश्वस्त किया कि उनका अपने निर्माताओं के खिलाफ विद्रोह करने का कोई इरादा नहीं है और वे हर क्षेत्र में मनुष्यों की जगह लेने के बजाय उनके साथ सहयोग करेंगे।
एआई तकनीक को रेगुलेट करने का विषय उभरा, तो कुछ रोबोट इस बात पर सहमत हुए कि भविष्य के एआई के विकास पर दुनिया भर में चर्चा की जानी चाहिए, जिसमें सावधानी और नियमों की आवश्यकता पर जोर दिया जाना चाहिए। हालाँकि, एक अन्य रोबोट ने प्रतिबंध लगाने के बजाय एआई को अवसर प्रदान करने की वकालत की, और कहा कि जब मनुष्य और एआई एक साथ काम करते हैं तो एक उज्जवल भविष्य की संभावना हो जाती है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस ने रोबोट विकास में शामिल इंजीनियरों का भी ध्यान आकर्षित किया। जबकि बिल गेट्स, एलोन मस्क और स्टीफन हॉकिंग जैसी प्रसिद्ध हस्तियों ने मानवता के लिए संभावित खतरे के रूप में एआई के बारे में चिंता व्यक्त की थी। हालांकि गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियां एआई में भारी निवेश करना जारी रख रही हैं। इस बीच, चीन, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश, सक्रिय रूप से एआई की शक्ति का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे इसके इम्पीलीकेशन पर बहस छिड़ गई है। इस विषय पर सबकी राय अलग अलग है, कुछ वैज्ञानिक एआई को एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में देखते हैं जो स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लाने और मानव जीवन का विस्तार करने में सक्षम है, जबकि अन्य इसे परमाणु बम से भी अधिक खतरनाक आविष्कार के रूप में देखते हैं।
जैसे-जैसे एआई रोबो्टस प्रगति कर रहा है, शिक्षा का क्षेत्र एक क्रांति के लिए तैयार है, जिससे माना जा रहा है कि इससे शिक्षकों की आवश्यकता कम हो सकती है। इन चिंताओं का समाधान होना चाहिए।
★ सुलेना मजुमदार अरोरा ★