Public Figure: अमर शहीद सरदार भगत सिंह सरदार भगत सिंह, यह नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) के एक देशभक्त सिख परिवार में हुआ था। By Lotpot 23 Mar 2024 in Lotpot Personality New Update अमर शहीद सरदार भगत सिंह Public Figure अमर शहीद सरदार भगत सिंह:- सरदार भगत सिंह, यह नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) के एक देशभक्त सिख परिवार में हुआ था, जिसका अनुकूल प्रभाव उन पर पड़ा था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। (Lotpot Personality) भगत सिंह के बारे में कुछ रोचक तथ्य:- 1) भगत सिंह (Bhagat Singh) के माता पिता जब उनकी शादी करना चाहते थे तो वह घर छोड़कर कानपुर के लिए निकल पड़े थे और उन्होंने कहा था की उन्होंने गुलाम भारत से शादी कर ली है और उनकी दुल्हन सिर्फ मौत होगी। इसके बाद उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के साथ काम किया। 2) सुखदेव के साथ मिलकर उन्होंने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने की योजना बनाई और पुलिस सुपरिटेंडेंट जेम्स स्काॅट को लाहौर में मारने की योजना बनाई। (Lotpot Personality) 3) सिख होने के बावजूद उन्होंने अपनी दाढ़ी और बाल कटवाए ताकि उन्हें पहचानकर गिरफ्तार न किया जाए। वह लाहौर से कलकत्ता जाने में सफल हुए थे। 4) एक साल बाद उन्होंने बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम्ब फेंक कर इन्कलाब जिंदाबाद के नारे लगाए थे। उस समय वह गिरफ्तार नहीं होना चाहते थे। 5) पूछताछ के दौरान अंग्रेजों को जाॅन सैंडर्स के कत्ल में भगत सिंह (Bhagat Singh) की मिलीभगत के बारे में पता चला। (Lotpot Personality) 6) अपने केस के दौरान उन्होंने अपने लिए कोई वकील नहीं किया बल्कि मौके का फायदा उठाते हुए उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता की बात उठाई। 7) उनकी मौत का एलान 7 अक्टूबर 1930 को सुनाया गया था, जो उन्होंने बड़ी बहादुरी के साथ सुना था। 8) जेल में उन्होंने कैदियों के लिए बढ़िया इंतजाम करवाने के लिए भूख हड़ताल भी की थी। (Lotpot Personality) 9) उन्हें फांसी की सजा 24 मार्च 1931 के लिए सुनाई गयी थी लेकिन उसे 11 घंटे पहले घटाकर फांसी की सजा उन्हें 23 मार्च 1931 को शाम 7ः30 बजे दे दी गयी। 10) भगत सिंह को और उनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव को 23 मार्च, 1931 को एक साथ फांसी दे दी गयी थी। 11) कहा जाता है की उनकी फांसी को देखने के लिए कोई मजिस्ट्रेट हामी नहीं भर रहा था। असली मौत का वारंट खत्म होने के बाद जज ने ही फांसी लगते हुए देखा था। (Lotpot Personality) 12) महान लोग कहते हैं कि फांसी लगवाने के लिए भगत सिंह हँसते हुए गए थे और उन्हें इस बात का बिल्कुल भी डर नहीं था कि उन्हें फांसी लगने वाली है। 13) भारत का यह महान स्वतंत्रता सैनानी सिर्फ 23 साल का था जब उसे फांसी दी गयी थी। उनकी मौत ने हजारों लोगों को स्वतंत्रता के लिए प्रेरणा दी। 14) एक संयोग यह भी था कि जब भगत सिंह को फांसी दी गई और उन्होंने संसार से विदा ली, उस वक्त उनकी उम्र 23 साल 5 माह और 23 दिन थी और दिन भी था 23 मार्च। (Lotpot Personality) lotpot | lotpot E-Comics | shaheed diwas 2024 | shaheed diwas 23rd march | Shaheed Bhagat Singh | Bhagat Singh Facts | immortal martyr Bhagat Singh | लोटपोट | लोटपोट इ-कॉमिक्स | अमर शहीदों में सबसे प्रमुख भगत सिंह | शहीद दिवस पर विशेष | शहीद दिवस 23 मार्च | शहीद दिवस 2024 | भगत सिंह के बारे में रोचक जानकारी यह भी पढ़ें:- Public Figure: एक आज़ाद क्रांतिकारी थे चंद्रशेखर आज़ाद Public Figure: भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी महाराणा प्रताप Public Figure: एक साहसी सच्चा और दूरदर्शी देशभक्त Public Figure: राम प्रसाद बिस्मिल #लोटपोट #Lotpot #शहीद दिवस पर विशेष #Shaheed Bhagat Singh #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #shaheed diwas 2024 #shaheed diwas 23rd march #Bhagat Singh Facts #immortal martyr Bhagat Singh #अमर शहीद सरदार भगत सिंह #अमर शहीदों में सबसे प्रमुख भगत सिंह #शहीद दिवस 23 मार्च #शहीद दिवस 2024 #भगत सिंह के बारे में रोचक जानकारी You May Also like Read the Next Article