आईआईआईटी छात्रों द्वारा पहला आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस पर आधारित ड्रोन जो बिना जीपीएस के सटीक पते पर पहुंच सकती हैं

दिनों दिल्ली में आईआईआईटी (इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) के वर्तमान छात्रों, पूर्व छात्रों और कई प्रकार के प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले युवा एंटरप्रेनयोर्स ने मिलकर इस संस्थान द्वारा आयोजित इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन शोकेस कार्यक्रम में भाग लेकर अपने अपने प्रोजेक्ट पोस्टर, डेमो और नए नए विचारों को व्यक्त किया।

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First Artificial Intelligence based drone by IIIT students that can reach precise address without GPS

दिनों दिल्ली में आईआईआईटी (इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) के वर्तमान छात्रों, पूर्व छात्रों और कई प्रकार के प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले युवा एंटरप्रेनयोर्स ने मिलकर इस संस्थान द्वारा आयोजित इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन शोकेस कार्यक्रम में भाग लेकर अपने अपने प्रोजेक्ट पोस्टर, डेमो और नए नए विचारों को व्यक्त किया। इस दौरान इसी संस्थान में पढ़ाई कर चुके छात्र अहराज ने एक विशेष ड्रोन को लेकर अपना प्रस्तुतिकरण दिया। अहराज के अनुसार यह ड्रोन भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ड्रोन है जो जीपीएस की मदद के बगैर भी सही ठिकाने पर पंहुच सकता है।

इसके स्टार्ट अप का नाम एनार्ड है। इस ड्रोन की कई अन्य खूबियां भी है, जैसे यह कैमरे और सेंसर की मदद से किसी भी जगह का 3D मैपिंग भी कर सकता है साथ ही इस ड्रोन का इस्तमाल डिफेंस के लिए या किसी दुर्घटना की जांच पड़ताल अथवा किसी भी प्रकार के निरीक्षण के लिए किया जा सकता है। इस मौके पर दिल्ली आईं आई आई टी के ही अविनाश राज सिंह ने अपने ड्रोन की आर्बिट स्टार्टअप भी प्रस्तुत करते हुए बताया कि वे उस तरह के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसमें अगर ड्रोन की बैटरी लाइफ खत्म भी हो जाती है तो वो ड्रोन अपनी लॉन्चिंग पैड द्वारा खुद ही अपनी बैटरी को बदलने में सक्षम होगी।

इस शोकेस के दौरान स्टूडेंट्स ने हेल्थ को लेकर भी कई तरह के इनोवेटिव्स जारी किए जिसका नाम जीवक दिया गया, जिसमें ऑक्सीजन और ब्लड प्रेशर मॉनिटर करने का भी एक स्टार्ट अप है। इस अवसर पर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर रंजन बोस ने कहा कि उन सब का यही उद्देश्य है कि समाज में जो भी  समस्याएं है उन्हे दूर करने का पर्यास करते हुए इंसान के जीवन, रहन सहन तथा स्वास्थ्य को बेहतरीन बनाया जाए। इस आयोजन में पचास किलो प्राइवेट रॉकेट के प्रोजेक्ट पर भी प्रस्तुति दी गई।