Moral Story: लालसा
एक फकीर ने एक सम्राट के द्वार पर दस्तक दी। सुबह का वक्त था और सम्राट बगीचे में घूमने निकला था। संयोग की बात थी कि सामने ही सम्राट मिल गया। फकीर ने अपना पात्र उसके सामने कर दिया। सम्राट ने कहा, ‘क्या चाहते हो?’
एक फकीर ने एक सम्राट के द्वार पर दस्तक दी। सुबह का वक्त था और सम्राट बगीचे में घूमने निकला था। संयोग की बात थी कि सामने ही सम्राट मिल गया। फकीर ने अपना पात्र उसके सामने कर दिया। सम्राट ने कहा, ‘क्या चाहते हो?’
सुन्दरवन विद्यालय का नाम आस पास के जंगलों में भी फैला हुआ था। वहाँ पढ़ने वाले जानवर खूब मन लगाकर पढ़ते थे, अध्यापक भी उन्हें पढ़ाने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ते थे।
बहुत दिन पहले, उत्तर भारत के एक गांव में एक गरीब मजदूर रहता था। वह गांव बहुत घने जंगलों और पहाड़ों के किनारे बसा हुआ था, इसलिए अक्सर जंगलों में रहने वाले डाकू रात के समय इस गांव पर धावा बोल दिया करते थे।
टिप टॉप वन के राजा शेरू के तीन पुत्र थे। शेरू ने उन्हें सभी तरह की शिक्षा तो दिलाई थी साथ ही युद्ध कला भी विशेषरूप से सिखाई थी, क्योंकि आसपास के वनों के राजा यदा कदा टिप टॉप वन पर आक्रमण कर देते थे।
कौशिकांबा नगर में राजा रवि एक प्रतापी, दयालु न्यायप्रिय व महान धार्मिक स्वभाव के राजा थे। वे प्रतिदिन प्रायः स्नानादि से निवृत होकर पूजापाठ में काफी समय लगाते, जब कहीं राज्य कार्य में जुटते थे।
झुमकू बन्दर अक्सर जासूसी की किताबें पढ़ता रहता था। वह चाहता था कि वह एक महान जासूस बने उसका सारी दुनिया में नाम हो और एक रात उसे जासूसी करने का अवसर हाथ लग ही गया। उस रात वह अपने दोस्त के घर से जन्मदिन की पार्टी से लौट रहा था।
अकबर ने अपना शासन तेरह साल की उम्र में संभाला था। अपने शासन में अकबर ने कई बड़े अंपायर बनाए। वह अकल्पनीय चमक में रहते थे। उनके आसपास ढेरों सेवक रहते थे और उनके सेवक उनके हर शब्द को मानते थे।