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15 अगस्त : कक्षा दूसरी में पढ़ने वाला रोहन अपने बड़े भाई आदित्य से 15 अगस्त के बारे में जानने की कोशिश करता है। आदित्य, जो कि तीसरी कक्षा में पढ़ता है, अपनी समझ के अनुसार रोहन को 15 अगस्त के महत्व के बारे में बताने की कोशिश करता है।
रोहन अपने भाई आदित्य से पूछता है, "भैया, क्या हम कल स्कूल जाएंगे?"
आदित्य जवाब देता है, "हां, कल मिठाई मिलेगी।"
रोहन ने उत्सुकता से पूछा, "क्यों?"
आदित्य ने समझाते हुए कहा, "क्योंकि कल 15 अगस्त है।"
रोहन फिर सवाल करता है, "क्या कल कोई त्योहार है?"
आदित्य ने उत्तर दिया, "हां, 15 अगस्त है, तभी तो मिठाई मिलेगी।"
रोहन पूछता है, "यह हिंदुओं का त्योहार है या किसी और धर्म का?"
आदित्य ने कहा, "इस त्योहार को सभी धर्म के लोग एक साथ मनाते हैं। हम अपने घर जाकर इसके बारे में पूछेंगे।"
दोनों भाई के घर पहुँचने के बाद
दोनों भाई घर पहुंचते हैं और अपनी मम्मी से 15 अगस्त पर मिलने वाली मिठाई की वजह पूछते हैं। उनकी मम्मी मुस्कुराती हैं और बताती हैं कि यह मिठाई अन्य त्योहारों की मिठाइयों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। बच्चे उत्सुकता से उन्हें सुनते हैं और आगे जानने के लिए उत्सुक हो जाते हैं।
मम्मी ने समझाया, "बेटा, जैसे तुम हमें और अपने पापा को सबसे खास रिश्ता समझते हो, वैसे ही हमारा एक और बहुत बड़ा रिश्ता हमारे देश के साथ होता है। देश के साथ हमारी पहचान, अस्तित्व, और सुरक्षा जुड़ी होती है। हम भारत के नागरिक हैं और इसीलिए 15 अगस्त हमारे लिए अन्य किसी भी त्योहार से बढ़कर होता है।"
आदित्य ने पूछा, "मम्मी, देश का त्योहार 15 अगस्त को ही क्यों मनाते हैं, किसी और दिन क्यों नहीं?"
मम्मी ने कहा, "बहुत अच्छा सवाल है, बेटा। हमारा देश सैकड़ों साल पहले बहुत अमीर था और पूरी दुनिया में इसकी पहचान एक धनी राष्ट्र के रूप में थी। धीरे-धीरे व्यापार के बहाने अंग्रेज़ों ने हमारे देश पर कब्जा कर लिया।"
रोहन ने उत्सुकता से पूछा, "फिर क्या हुआ मम्मी?"
मम्मी ने बताया, "इसके बाद, हमारे देश के लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष शुरू किया, जो कई सालों तक चला। इस संघर्ष में कई वीरों ने अपनी जान की कुर्बानी दी और अंत में 15 अगस्त 1947 को हमें आजादी मिली।"
रोहन ने उत्साहित होकर कहा, "और इसलिए हम 15 अगस्त को मिठाई खाते हैं।"
मम्मी ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, लेकिन यह मिठाई बहुत गहरे अर्थों को छुपाए हुए है, जो लाखों लोगों की कुर्बानी और मेहनत का नतीजा है।"
रोहन और आदित्य एक साथ बोले, "झंडा ऊंचा रहे हमारा..."