Moral Stories हिंदी बाल कहानी : सुधार की राह सुधार की राह- अंकित बहुत ही शरारती और झगड़ालू लड़का था। पढ़ाई-लिखाई में उसका जरा भी मन नहीं लगता था। जब देखो, तब वह सबके साथ लड़ता-झगड़ता रहता। By Lotpot 04 Nov 2024
Moral Stories दीपावली का त्योहार और रमन का संकल्प दीपावली का त्यौहार (Diwali Festival) आने वाला था। सभी के घरों में साफ-सफाई और सजावट का काम जोर-शोर से चल रहा था। बाजार रंग-बिरंगी लाइटों, मिठाइयों और खिलौनों से सज गए थे। हर तरफ खुशियों का माहौल था। By Lotpot 29 Oct 2024
Moral Stories बाल कहानी : आत्मनिर्भरता की सीख सोहन के पिता गाँव के सबसे बड़े ज़मींदार थे। सोहन उनका इकलौता पुत्र था। घर में किसी वस्तु की कोई कमी नहीं थी। नौकरों की संख्या इतनी थी कि कुछ भी पूछने की जरूरत नहीं थी। By Lotpot 25 Oct 2024
Fun Stories मजेदार कहानी : तुम कब बड़े होगे? मजेदार कहानी : तुम कब बड़े होगे?- राजा तेरह साल का था। उसे अपनी मां से यह वाक्य दिन में कई बार सुनना पड़ता था। राजा को एक बड़ी अजीब परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा था। By Lotpot 21 Oct 2024
Motivational Stories बाल कहानी : हाथों का मूल्य बाल कहानी : हाथों का मूल्य - यह गर्मियों की एक दोपहर की बात है जब स्कूल की छुट्टी के बाद रमेश अपने घर लौट रहा था। हैडमास्टर होने के कारण, वह स्कूल से सबसे आखिरी में निकलता था। By Lotpot 27 Aug 2024
Moral Stories 15 अगस्त पर बाल कहानी : 15 अगस्त की मिठाई Moral Stories- कक्षा दूसरी में पढ़ने वाला रोहन अपने बड़े भाई आदित्य से 15 अगस्त के बारे में जानने की कोशिश करता है। आदित्य, जो कि तीसरी कक्षा में पढ़ता है, अपनी समझ के अनुसार रोहन को 15 अगस्त के महत्व के बारे में बताने की कोशिश करता है। By Lotpot 14 Aug 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: अपनों के लिए समय एक पिता अपने काम से घर देर से पहुंचे। वह बहुत थके हुए और चिड़चिड़े हो रहे थे। जब वह घर पहुंचे तो उनका पांच साल का बेटा दरवाजे पर खड़ा उनका इंतजार कर रहा था। By Lotpot 06 Jul 2024
Stories मजेदार हिंदी कहानी: बीरबल और दर्जी एक बार बेगम साहिबा को चीन की महारानी ने एक बहुमूल्य सिल्क के कपड़े का टुकड़ा भेंट दिया था। बेगम साहिबा ने बीरबल को बुलाया और उसे कहा कि वह उनके लिए इस कपड़े की सुंदर पोशाक तैयार करवाएं। By Lotpot 06 Jul 2024
Stories मजेदार हिंदी कहानी: वह मरूस्थल का जहाज नहीं हो सकती रहमत की ऊंटनी उसके लिए मरूस्थल का जहाज थी। वह एक छोटा व्यापारी था जो राजस्थान के एक गांव में रहता था उस का कारोबार अच्छा चल रहा था और उसने कुछ धन भी इकट्ठा कर लिया था। By Lotpot 05 Jul 2024