सीख देती मजेदार कहानी: राजू का बस्ता और गधा राजू अपने भारी बस्ते से परेशान था और उसे लेकर चिंतित था। उसके गधे दोस्त ने उसे हंसाया और उसके बस्ते को अपनी पीठ पर रखने की पेशकश की। यह कहानी शिक्षा व्यवस्था और बोझ से निपटने के अनोखे तरीके की ओर इशारा करती है। By Lotpot 08 Aug 2024 in Stories Fun Stories New Update राजू का बस्ता और गधा Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 सीख देती मजेदार कहानी: राजू का बस्ता और गधा:- राजू घर के बाहर चिंतित बैठा था। वहां से कुछ दूर एक गधा खड़ा था, जिससे राजू की दोस्ती थी। गधे ने पास आकर राजू से पूछा- "क्या बात है राजू? आज तुम उदास क्यों हो?" "मित्र, मेरी उदासी का कारण भारी-भरकम बस्ता है"। राजू ने कहा "के.जी. वन में मैं अपना भारी बस्ता ढोते ढोते थक जाता था, इसीलिए संतोषजनक परीक्षा-परिणाम नहीं आया। स्कूल खुल चुके हैं, भारी बस्ते का डर सता रहा है। इस साल तो अधिक किताबें लगेंगी, इसलिए बस्ते का बोझ बढ़ जाएगा। भारी बस्ता मैं कैसे ढो सकूंगा?" गधे का समाधान "निश्चय ही तुम्हारी समस्या चिंतनीय है दोस्त"। गधे ने कहा- "आज जमाना कितना बदल गया हैं। नन्ही सी जान पर ढेरों किताबों का बोझ। इस शिक्षा व्यवस्था से क्या खाक बच्चे विकास कर सकेंगे? मेरे जमाने में तो पहली-दूसरी तक मात्र एक-दो पुस्तकें लगी थीं। स्लेट और लकड़ी की पाती से काम चलता था। हम लोग उछलते-कूदते स्कूल जाते और खुशी-खुशी घर लौटते। मेरे साथ के कई लड़के आज बड़े-बड़े अधिकारी हैं। मैं भी कुछ बन जाता, लेकिन मेरे बापू ने मुझे पांचवी से आगे पढ़ाया नहीं और एक व्यापारी के यहां काम पर लगा दिया। तब से बराबर बोझ ढो रहा हूं। तुम चिंता मत करो। जब मैं सबका बोझ ढोता हूं तो क्या तुम्हारा एक बस्ता भी नहीं ढो सकता? चलो खेलें। समझो कि तुम्हारी समस्या दूर हो गयी"। राजू ने खिलखिला कर पूछा- "तुम मेरा बस्ता अपनी पीठ पर रख कर चलोगे?" छात्रों की गधों के साथ दोस्ती "चलना ही पड़ेगा, ताकि बस्ते का बोझ बढ़ाने वालों को कुछ तो शर्म आए"। यह कहकर गधा जोर से हंसा और ढेंचू-ढेंचू करता हुआ खेल के मैदान की ओर भागा। उसके पीछे-पीछे राजू ने भी दौड़ लगा दी। स्कूल खुले, राजू भारी-भरकम बस्ता पीठ पर लाद कर स्कूल चला। रास्ते में गधा उसके इंतजार में खड़ा था। बोला- "लाओ राजू, बस्ता मेरी पीठ पर बांध दो"। शहरवासियों की हंसी राजू की देखादेखी स्कूल के अन्य छात्रों ने भी गधों से दोस्ती कर ली। अब सारे छात्र गधों पर बस्ता रखकर स्कूल जाने लगे। शहर के लोग सुबह-सुबह यह नजारा देखकर खूब हंसने लगे। कहानी से सीख: समस्याओं का हल खोजने में रचनात्मकता और दोस्ती की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। जब हम मिलकर काम करते हैं, तो कठिनाइयों का समाधान भी मजेदार बन सकता है। यह भी पढ़ें:- सीख देती मजेदार कहानी: राजा और मधुमक्खी मजेदार हिंदी कहानी: आलसी राजू मजेदार हिंदी कहानी: कलाकार Fun Story: भेद खुल गया #Kids Hindi Fun Story #सीख देती मजेदार कहानी #Kid and donkey friendship story in hindi #Kid and donkey hindi story #गधे और बच्चे की दोस्ती की कहानी You May Also like Read the Next Article