Fun Story: भेद खुल गया इधर गांव में कुछ दिनों से लगातार चोरियां होने लगी थीं। हर रात किसी न किसी के घर में चोर छुसते और जो भी उनके हाथ आता, लूट ले जाते थे। चोरी की इन बढ़ती घटनाओं से गांव के लोग चिंतित और भयभीत थे। By Lotpot 18 Apr 2024 in Stories Fun Stories New Update भेद खुल गया Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Fun Story भेद खुल गया:- इधर गांव में कुछ दिनों से लगातार चोरियां होने लगी थीं। हर रात किसी न किसी के घर में चोर छुसते और जो भी उनके हाथ आता, लूट ले जाते थे। चोरी की इन बढ़ती घटनाओं से गांव के लोग चिंतित और भयभीत थे। रात का अंधेरा घिरते ही गांव की गलियों में सन्नाटा छा जाता। लोग अपने घरों में घुस जाते और फिर सुबह से पहले कोई बाहर नहीं निकलता था। (Fun Stories | Stories) गांव के कुछ साहसी नवयुवकों और किशोरों ने मिलकर एक गश्ती दल बनाया। वे अंधेरा घिरते ही गलियों में निकल आते और पूरी रात गांव का चक्कर लगाते थे। सभी गांव वालों को सतर्क और चौकस रहने के लिये कहा गया था। पर तमाम सावधानियों के बावजूद चोर अपना काम कर जाते। वे रात में किसी समय निकलते और किसी भी घर को अपना निशाना बना लेते। वे इतनी सावधानी से अपना काम करते कि चोरी होने का पता सुबह से पहले किसी को नहीं चल पाता था। इन बढ़ती घटनाओं से गांव में सनसनी और आंतक का माहौल पैदा हो गया था। लोग अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे थे। (Fun Stories | Stories) नवयुवकों के गश्ती दल ने अपनी निगरानी और सख्त कर दी थी। टोलियां बनाकर अलग अलग दिशाओं में निकल जाते और हर गली में जाकर 'सावधान' और 'जागत़े रहो' की ऊंची आवजें लगाते थे। राजू, संदीप और मदन तीनों पक्के दोस्त थे और वे भी गश्ती दल में शामिल थे तीनों दोस्त टोली में हमेशा साथ ही रहते थे। वे दिन में सोते और रात में जागकर रात घिरते ही गश्ती दल के सभी सदस्य एक स्थान पर एकत्रित होते और फिर 3-3, 4-4 की टोलियों में चारों तरफ फैल जाते। सभी के पास टार्च, सीटी और लाठियां होती थीं। अचानक राजू की नजर एक स्त्री पर पड़ी, जो लम्बा सा घूंघट निकाले गली में जा रही थी। लड़कों को आश्चर्य हुआ कि इतनी रात में... अचानक राजू की नजर एक स्त्री पर पड़ी, जो लम्बा सा घूंघट निकाले गली में जा रही थी। लड़कों को आश्चर्य हुआ कि इतनी रात में जबकि सारे लोग अपने घरो में दुबके हुए थे, वह औरत अकेली कहां जा रही थी? लड़के उसके पास पहुंच गये और बोले "तुम इतनी रात में बाहर क्यों घूम रही हो। तुम्हें मालूम नहीं, बाहर खतरा है, चलो हम तुम्हें घर तक छोड़ आते हैं"। (Fun Stories | Stories) "मेरा घर पास में है चली जाऊंगी," कहकर औरत जल्दी से आगे बढ़ गई। सुबह हुई तो पता चला रात में फिर एक चोरी हो गई थी सभी हैरान और परेशान थे। आखिर कैसे चोर हर बार सफल होते जा रहे थे। पर एक बात साफ हो गई थी जिस तरह सुनियोजित ढंग से चोरियां हो रही थीं, उससे यह लगभग सिद्ध हो गया था कि या तो चोरियां गांव के कुछ लोग कर रहे हैं या वे चोरों से मिले हुए हैं। अगली रात भी रोज की तरह गश्ती दल के लड़के गलियों में निकल आए। राजू, संदीप और मदन की तिकड़ी ने अचानक फिर एक अकेली औरत को गली में घूमते देखा। राजू ने ऊंचे स्वर में पुकारा "ऐ कौन हो तुम? इधर आओ"। पर वह औरत रूकी नहीं लड़कों ने फिर आवाज लगाई, "तुमने सुना नहीं वहीं रूक जाओ"। मगर रूकने की बजाय वह औरत भागने लगी। तीनों लड़के उसके पीछे लपके। पर वह औरत एक अंधेरी गली में जाकर गुम हो गई। अगले दिन पता चला कि गांव में फिर एक चोरी हो गई थी। चोरी उसी गली के एक मकान में हुई थी, जहां रात में लड़कों ने औरत को घूमते देखा था। अब तीनों लड़कों को पूरा शक हो गया कि चोरी की घटनाओं और उस औरत के बीच जरूर कोई संबंध है। (Fun Stories | Stories) जब उन तीनों ने गश्ती दल के अन्य लड़कों से इस बारे में पूछताछ की तो पता चला कि उन्होंने भी कई बार रात में एक अकेली औरत को गलियों में घूमते देखा था। आखिर कौन थी वह रहस्यमयी औरत? क्यों घूमा करती थी। आधी रात के समय गांव की गलियों में? गश्ती दल के लड़कों ने आपस में यह तय किया कि अब अगर रात में वह औरत किसी को दिखाई देती है तो वह उसे पकड़ने और यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि वह कौन है और रात में इस तरह घूमने के पीछे उसका मकसद क्या है? संयोग से दूसरी ही रात वह औरत राजू, संदीप और मदन को गली में घूमती हुई दिख गई। तीनों सावधान हो गये। उन्होंने औरत को ललकारा नहीं, बल्कि चुपके से उसका पीछा करने लगे। (Fun Stories | Stories) रहस्यमयी औरत भी काफी चौकस लग रही थी। वह बार-बार रूककर अपने चारों तरफ देख लेती थी। लड़के भी पूरी तरह सतर्क थे। जैसे ही वह पीछे देखती, तीनों ओट में छिप जाते थे। एक मकान के पास पहुंच कर औरत सहसा रूक गई। तीनों लड़के छिप कर उसकी एक एक हरकत को देखने लगे। औरत ने अपने गले से उल्लू के बोलने जैसी आवाज निकाली। तुरंत ही अंधेरे में से निकल कर तीन चार चोर वहां प्रकट हो गये। इधर तीनों लड़के तुरन्त हरकत में आ गये। सुबह हो चुकी थी गांव वाले दुखी मन से यह जाचने के लिए घरों से बाहर निकल आए कि पिछली रात किस बेचारे का घर लूटा गया? लेकिन वे यह जानकर आश्चर्यचकित रह गये कि पिछली रात गांव में एक भी चोरी नहीं हुई थी। तभी गश्ती दल के एक लड़के ने आकर यह सूचना दी कि चोर पकड़े गये। सारा गांव हैरान और उत्सुक हो उठा यह जानने के लिए कि जिन चोरों की अभी तक किसी ने एक झलक भी नहीं देखी थी, वे कैसे अचानक पकड़ में आ गये? (Fun Stories | Stories) धीरे-धीरे सारा गांव चौपाल पर इकट्ठा हो गया, जहां गश्ती दल के सभी सदस्य मौजूद थे। दल के मुखिया ने गांववालों को सम्बोधित करते हुए कहा, "चोरों को पकड़ने का सारा श्रेय हमारे दल के तीन बहादुर किशोरों राजू, संदीप और मदन को जाता है। अत: ये लड़के ही आपको सारी घटना बताएंगे"। राजू, संदीप और मदन तुरंत उठकर सामने आ गये। राजू बोला, "जिस तरह से पिछले एक महीने से गांव में रोज चोरियां हो रही थीं, उससे यह साफ हो गया था कि चोर गांव के सभी गली रास्ते से ही नहीं, बल्कि हर घर से परिचित थे और वे चलाक भी इतने थे कि एक बार भी पकड़ में नहीं आए, न ही कोई सबूत छोड़ा था। "जब गांव में चौकसी बढ़ गई और हम गश्ती दल के लड़कों ने रात भर घूमकर पहरा देना शुरू कर दिया तो चोरों ने हमसे बचने के लिये एक नायाब रास्ता ढूंढ निकाला वे रात के अंधेरे में औरत के भेष में निकलते ताकि कोई उन पर शक न कर सके। जिस घर में उन्हें चोरी करनी होती, उसे पहले ही दिन में आकर देख जाते थे। (Fun Stories | Stories) "औरत का भेष धर कर चोरियां करने में पहले तो चोर कामयाब रहे, लेकिन जल्दी ही हमें उन पर शक हो गया। एक रात हमने औरत भेस धारी चोर से रूकने के लिए कहा। तो वह भाग खड़ा हुआ। फिर कल रात हमने जैसे ही एक औरत रूपी चोर को देखा। तो उसका पीछा किया और उस वक्त उसे तथा उसके अन्य साथियों को रंगे हाथों पकड़ लिया जब वे एक मकान में सेंध लगा रहे थे। लोगों ने तालियां बजाकर तीनों लड़कों को उनके प्रशंसात्मक और साहसपूर्ण कार्य के लिए बधाई दी। तीनों लड़के पूरे गांव की नजर में हीरो बन गये थे। बाद में गांव वालों के सामने उन चार चोरों को भी लाया गया। वे सभी गांव के ही युवक थे और आवारागर्दी तथा नशे के आदी थे उनके घर वालों ने तंग आकर उन्हें घर से निकाल दिया था। जब उन युवकों को अपने नशे और दूसरे बुरे कामों के लिए पैसों का अभाव सताने लगा तो उन्होंने चोरियां करनी शुरू कर दीं पर अन्ततः उनका भेद खुल गया और उन्हें उनके किये की सजा मिल गई। (Fun Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi kahaniyan | Hindi Kahani | kids short stories | kids hindi short stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | kids hindi fun stories | kids hindi stories | Kids Fun Stories | Kids Stories | Fun Stories | hindi stories | fun story for kids | Hindi fun stories | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | हिंदी कहानी | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की मनोरंजक कहानी | Fun Story यह भी पढ़ें:- Fun Story: बर्फ का होटल Fun Story: मूर्खश्रेष्ठ मैं नहीं तो कौन Fun Story: खातिरदारी Fun Story: बाबापुर की रामलीला #Hindi Kahani #बाल कहानी #लोटपोट #हिंदी कहानी #Lotpot #Bal kahani #Hindi kahaniyan #Bal Kahaniyan #Hindi Bal Kahani #Kids Stories #fun story #Kids Fun Stories #lotpot E-Comics #बच्चों की मनोरंजक कहानी #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Fun Stories #Hindi fun stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #kids hindi fun stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #kids short stories #fun story for kids You May Also like Read the Next Article