गुरुदेव और उनके निस्वार्थ आदर्श
एक बार की बात है, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर एक सभा में भाषण दे रहे थे। यह सभा ज्ञान और प्रेरणा का केंद्र बन चुकी थी। सभा में सैकड़ों लोग उनकी बातों को सुनने के लिए बड़े ध्यान से बैठे हुए थे।
एक बार की बात है, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर एक सभा में भाषण दे रहे थे। यह सभा ज्ञान और प्रेरणा का केंद्र बन चुकी थी। सभा में सैकड़ों लोग उनकी बातों को सुनने के लिए बड़े ध्यान से बैठे हुए थे।
Web Stories एक शहर में रोज़ी नाम की एक प्यारी लड़की रहती थी। क्रिसमस के दिन की तैयारियाँ जोरों पर थीं। विद्यालय से लौटते ही, रोज़ी ने सोफे पर अपना बस्ता फेंका और फ़ोन
एक शहर में रोज़ी नाम की एक प्यारी लड़की रहती थी। क्रिसमस के दिन की तैयारियाँ जोरों पर थीं। विद्यालय से लौटते ही, रोज़ी ने सोफे पर अपना बस्ता फेंका और फ़ोन मिलाना शुरू कर दिया।
उस का नाम विद्यासागर था किन्तु उस के सहपाठी उसे विघू कह कर पुकारते थे। विद्यालय के अधिकतर छात्र अमीर परिवारों के थे। विद्यासागर एक किसान का बेटा था उस ने अपने गांव के प्राथमिक विद्यालय से बहुत अच्छे अंक प्राप्त कर परीक्षा पास की थी।
एक सुबह प्रदीप उठा और टहलने के लिए निकल पड़ा। वह जैसे ही गेट के बाहर निकला दो छोटे छोटे कुत्ते के पिल्ले उसके पास आ गये। दो दिन पहले ही गली की कुतियां (जिसे हमने भोली का नाम दिया हैं) के चार बच्चे पैदा हुए थे।
ह कहानी सूरज नाम के एक लड़के की है जो एक छोटे से गाँव में रहता था। सूरज एक बहुत ही खुशमिजाज़ बच्चा था जिसे हँसना-हँसाना और मज़ाक करना बहुत पसंद था। वह अपने दोस्तों के साथ खेलने में बहुत समय बिताता था।
राहुल और राशिद एक ही कक्षा में साथ साथ पढ़ते थे। वे दोनों ही स्कूल की हाॅकी टीम के सदस्य भी थे। दोनों ही बहुत अच्छे खिलाड़ी थे। पूरे जिले में वे दोनो शार्प शूर्टस के नाम से मशहूर थे।