सीख देती मजेदार कहानी: राजा और मधुमक्खी राजा सोलोमन की नाक पर एक मधुमक्खी के डंक से उसकी नींद टूट जाती है और वह क्रोधित हो जाता है। कुछ समय बाद, जब रानी शीबा एक पहेली प्रस्तुत करती हैं, मधुमक्खी राजा को असली गुलाब का फूल पहचानने में मदद करती है, जिससे वह उसकी कृतज्ञता चुकता करता है। By Lotpot 06 Aug 2024 in Stories Fun Stories New Update राजा और मधुमक्खी Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 सीख देती मजेदार कहानी: राजा और मधुमक्खी:- एक दिन दोपहर को राजा सोलोमन अपने बगीचे में लेटे झपकियां ले रहे थे। दो सेवक खड़े मक्खियाँ उड़ा रहे थे लिकिन अभी आँख लगी ही थी कि एक मधुमक्खी ने राजा की नाक पर डंक मार दिया। राजा की नींद दर्द से खुल गई, बिल्कुल ऐसा लगा था किसी ने तेज सुइयां चुभो दी हों, नाक सूजने लगी। राजा ने अपराधी को इधर-उधर देखा, लेकिन पा न सका। शाही नाक फूल कर अनार की तरह लाल हो गई। राजा बहुत क्रोधित हुआ, क्रोध में उसने राज्य की सारी मक्खियां और मधुमक्खियों को हाजिर होने का हुक्म दिया वे सब छत्ते, घोसले में से निकलकर राजा के सामने उपस्थित हुईं। हजारों की संख्या में वे चकित सिंहासन के सामने उपस्थित थी कि पता नहीं राजा ने क्यों बुलाया। बड़ी तेज भनभनाहट हो रही थी। मधुमक्खी का अपराध स्वीकारना राजा चिल्लाया, शांति! और एक दम शांति हो गई सब क्रोधित राजा का चेहरा देखने लगे। शाही नाक फूल कर फैल गई थी, वह क्रोध और दर्द में बोला, "किसने राजा कि साथ ऐसा करने की जुर्रत की है"। यह कहते हुए उसने अपनी उंगली नाक पर रखकर सबको दिखाई। चारों ओर फिर भनभनाहट प्रारम्भ हो गई कि आखिर ऐसा अपराध किया किसने। शीघ्र ही एक छोटी सी मक्खी उठी और सिंहासन के पास जाकर बोली "आपकी अपराधी मैं हूँ। मैं आपके रहमों करम पर हूँ"। "तुमने मेरे चेहरे को बदसूरत बनाने की हिम्मत कैसे की"। राजा चिल्लाया। "महाराज क्षमा हो बदसूरत बनाने के लिए, मैं भूलकर भी राजा के साथ ऐसा नहीं कर सकती, यह गलती से हो गया। मैं अभी छोटी सी मधुमक्खी हूँ। मैंने अभी नाक, कान में फर्क करना नहीं सीखा। आपकी नाक से गुलाब की खुशबू आ रही थी और सेव की सी दिखाई दे रही थी।महाराज मैं तो मधु पीने के लिए गई थी। गलती बस इतनी ही थी, इसे अपराध न माने"। राजा के चेहरे पर मधुमक्खी की बात सुनकर मुस्कुराहट आई लेकिन अपने बदसूरत चेहरे को सोच कर फिर क्रोध से बोला "बस तुम्हें यही कहना था, मैं देख रहा हूँ, तुब बहुत बक-बक करती हो"। मधुमक्खी साहस करके बोली "महाराज राजा का अधिकार है छोटों की गलियों को माफ करना हम छोटे हैं, हमारा जीवन छोटा है, हममें आप जितनी बुद्धि भी तो नहीं है और फिर हो सकता है,किसी दिन आपको मेरी किसी तुच्छ सेवा की आवश्यकता पड़ जाय, तब मैं आपकी दया का ऋण चुका दूंगी"। राजा की हंसी और मधुमक्खी की भागदौड़ मधुमक्खी की बात सुनकर राजा को बहुत हंसी आई, वह जोर-जोर से हंसने लगा, "राजा सोलोमन को तुम्हारी जरूरत पड़ेगी..हा ह. हा... तुम उसका ऋण चुकाओगी हा..हा..हा.., भाग जाओ मधुमक्खी"। अभी राजा के मुख से निकले शब्द भी पूरे नहीं हुए थे कि मधुमक्खियाँ भाग लीं। धीरे-धीरे राजा की नाक ठीक हो गई और वह मधुमक्खी के बारे में भूल गया। रानी शीबा की पहेली और मधुमक्खी की मदद एक दिन रानी शीबा कुछ दरबारियों, सेवकों, सेविकाओं के साथ कुछ उपहार लेकर आ रही थीं। वह राजा सोलोमन से पहेलियां बूझा करती थीं और राजा सोलोमन उनका उत्तर उपनी सूझबूझ से दिया करता था। उसने अपनी चतुराई से एक पहेली गढ़ी थी, जिसमें राजा को नकली और असली गुलाब के फूलों में से असली फूलों का गुच्छा चुनना था। उसने गुलाब के नकली फूलों से एक गुच्छा बनाया था,जो बिल्कुल असली लगता था। नकली-असली फूल राजा की नजरों के सामने से गुजारे गये लेकिन राजा बिल्कुल फर्क नहीं बता सका। वह बहुत निराश हो रहा था। वह हार मानने ही वाला था कि उसके कानों में गुनगुनाहट सुनाई दी। यह वही मधुमक्खी थी जिसने राजा की नाक पर काटा था। उसे देख वह मुस्करा दिया मधुमक्खी आकर असली फूल पर बैठ कर उड़ गई। राजा के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई और उसने असली फूल की ओर इशारा कर दिया। इस प्रकार मधुमक्खी ने राजा का ऋण चुका दिया। राजा की नाक पर काटने वाली मधुमक्खी ने आज राजा की नाक रख ली थी। कहानी से सीख: छोटी सी गलती भी कभी-कभी बड़ा प्रभाव डाल सकती है, और सभी को अपनी सेवाओं और सहायता के लिए खुले मन से धन्यवाद देना चाहिए। यह भी पढ़ें:- सीख देती मजेदार हिंदी कहानी: मुंशी काका का गुस्सा मजेदार हिंदी कहानी: आलसी राजू मजेदार हिंदी कहानी: बिल्ली को क्या चाहिये Fun Story: बर्फ का होटल #Kids Hindi Fun Story #Hindi story of King and the Bee #सीख देती मजेदार कहानी #राजा और मधुमक्खी की कहानी You May Also like Read the Next Article