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हम अक्सर सुनते आए हैं कि बादाम (Almonds) खाने से दिमाग तेज होता है। बच्चों को परीक्षा से पहले, बड़ों को याददाश्त मजबूत रखने के लिए बादाम खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन हाल की रिसर्च ने एक नया पहलू सामने रखा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, दिमाग की सेहत और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाने में बादाम से कहीं ज्यादा असरदार है नियमित एक्सरसाइज (Regular Exercise)।
रिसर्च क्या कहती है?
विशेषज्ञों का कहना है कि जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो शरीर का ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) बढ़ता है। इसका सीधा असर दिमाग तक पहुँचने वाली ऑक्सीजन और पोषक तत्वों पर पड़ता है। पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने से दिमाग की कोशिकाएँ (Brain Cells) सक्रिय रहती हैं और उनकी क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। वहीं, केवल बादाम खाने से कुछ पोषक तत्व तो मिल जाते हैं, लेकिन अगर शरीर निष्क्रिय है तो उसका पूरा लाभ दिमाग तक नहीं पहुँच पाता।
बच्चों और बड़ों दोनों के लिए ज़रूरी
यह अध्ययन केवल बड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चों के लिए भी अहम है। स्कूल जाने वाले बच्चे अगर रोज़ाना खेल-कूद, दौड़, योग या हल्की-फुल्की कसरत करें, तो उनकी कॉग्निटिव एबिलिटी (Cognitive Ability) यानी समझने और याद रखने की शक्ति तेज़ी से विकसित होती है। इसी तरह, बढ़ती उम्र के लोगों में भी एक्सरसाइज दिमाग को सक्रिय रखती है और भूलने की समस्या (Memory Loss) को धीमा करती है।
एक्सरसाइज के फायदे
बेहतर याददाश्त: नियमित कसरत करने वालों में स्मरण शक्ति अधिक पाई गई है।
तनाव में कमी: एक्सरसाइज से एंडोर्फिन हार्मोन (Happy Hormones) रिलीज़ होते हैं, जिससे मानसिक तनाव घटता है।
सोचने-समझने की क्षमता में सुधार: लगातार शारीरिक गतिविधि दिमाग को नए विचार और निर्णय लेने में सक्षम बनाती है।
लॉन्ग-टर्म हेल्थ: उम्र बढ़ने पर भी दिमाग चुस्त और कार्यशील रहता है।
बादाम की भी अपनी अहमियत
इसका मतलब यह नहीं कि बादाम बेकार है। बादाम में विटामिन E, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो दिमागी कोशिकाओं को पोषण और सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ़ बादाम खाने से दिमाग तेज़ नहीं होगा, जब तक कि इसे नियमित व्यायाम और संतुलित आहार के साथ न जोड़ा जाए।
निष्कर्ष
स्पष्ट है कि दिमाग की सेहत के लिए बादाम और अन्य पोषक तत्व ज़रूरी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा असर डालती है नियमित एक्सरसाइज। अगर आप रोज़ाना 30 मिनट की हल्की सैर, योग, स्ट्रेचिंग या खेल-कूद को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो आपका दिमाग पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय, तेज और स्वस्थ रहेगा।
यानी, असली मंत्र यही है – “सिर्फ़ खाने पर नहीं, चलने-फिरने पर भी ध्यान दीजिए।”
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