मन की बात के सौंवे एपिसोड में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिया 'चरैवेति चरैवेति चरैवेति अर्थात चलते रहो चलते रहो चलते रहो का मंत्र मन की बात : सर्वप्रिय और बेहद चर्चित रेडिओ कार्यक्रम' मन की बात' में प्रत्येक, बार भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी, देशवासियों से अपने मन की बात कहते भी हैं और उनकी बातें भी सुनते हैं। यह प्रसिध्द कार्यक्रम प्रत्येक महीने के आखरी रविवार को सुबह ग्यारह बजे प्रसारित होती है By Lotpot 26 May 2023 in Positive News New Update मन की बात : सर्वप्रिय और बेहद चर्चित रेडिओ कार्यक्रम' मन की बात' में प्रत्येक, बार भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी, देशवासियों से अपने मन की बात कहते भी हैं और उनकी बातें भी सुनते हैं। यह प्रसिध्द कार्यक्रम प्रत्येक महीने के आखरी रविवार को सुबह ग्यारह बजे प्रसारित होती है, जिसमें श्री नरेंद्र मोदी, देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न मुद्दों पर बात करने के लिए राष्ट्र को संबोधित करते हैं। हाल ही में, इस कार्यक्रम ने अपना 100 वां एपिसोड प्रस्तुत किया जिसे भारत वासियों के अलावा यूएन हेडक्वाटर, न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, लंदन में भी सबने उत्सुकता के साथ सुना। माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने भी इसे सुना जो वाकई विशेष था। 23 करोड़ लोग सुनते हैं मन की बात।प्रस्तुत है मन की बात के 100वें एपिसोड के कुछ मुख्य अंश : प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देशवासियों से कहा कि उन्हे मन की बात के 100वें एपिसोड को लेकर हजारों पत्र, लाखों संदेश और बधाइयाँ मिली जिससे वे भावुक हुए लेकिन असल बधाई वे देश की जनता और इस प्रोग्राम के श्रोताओं को देतें हैं। मोदी जी ने इस अवसर पर 3 ओक्टूबर 2014 के विजया दशमी के उस दिन को याद किया जब उन्होने मन की बात का पहला एपिसोड प्रस्तुत किया था। उन्होने कहा कि विजया दशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है और मन की बात भी भारत वासियों की अच्छाइयों और पॉज़िटिवनेस का एक सुंदर और अनोखा पर्व बन गया, जिसमें हम सब पॉजिटिविटी और सभी लोगों के भागीदारी का उत्सव मनाते हैं जिसका प्रत्येक महीने सभी को इंतज़ार रहता हैं। आगे मोदी जी ने कहा कि मन की बात जिस विषय से भी जुड़ा वो जन आंदोलन बन गया, जैसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत आंदोलन, खादी के प्रति प्रेम, प्रकृति को सहेजने की बात, आजादी का अमृत महोत्सव, अमृत सरोवर, यानी मन की बात के द्वारा बहुत से आंदोलनो की सफल शुरुआत हुई। उन्होने कहा कि खिलौनों के उद्योग को फिर से शुरू करने का संकल्प मन की बात से हुआ, गरीब और छोटे दुकानदारों को तकलीफ ना देने की बात भी मन की बात से शुरू की गई। इसके अलावा भारतीय डॉग्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने का मिशन भी मन की बात से हुआ। मोदी जी ने बताया कि मन की बात उनके लिए एक अध्यात्मिक यात्रा है जिसके द्वारा वे ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में मन की बात को एक प्रसाद की थाल की तरह रखते है। मोदी जी ने कहा कि मन की बात, मन और शरीर दोनों के साथ संघटित होने वाली यात्रा है और साथ ही इस यात्रा का प्रमुख अंश संगठन और ऐक्य है। मोदी जी ने मन की बात कहते हुए देश की प्राकृतिक संसाधनों, नदियों, तालाबों, झीलों, पहाडों, बाग, जंगलों तथा तीर्थ स्थलों को साफ और सुन्दर रखने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि आज भारत में टूरिज्म बहुत तेजी से बढ़ रहा है और इनकी साफसफाई और सौंदर्य करण से टूरिज़्म उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देशवासियों से अपील की कि उन्हें विदेश घूमने जाने से पहले अपने देश के कम से कम पंद्रह पर्यटन स्थलों में जरूर घूमने जाना चाहिए और यह पर्यटन स्थल उस राज्य से बाहर के होने चाहिए जिस राज्य में वे रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के सौवें एपिसोड में अपने पथ प्रदर्शक लक्ष्मण राव जी ईनामदार को याद किया जो हमेशा कहते थे कि हमें प्रत्येक इंसान के गुणों की पूजा करना चाहिए, और प्रेरणा लेनी चाहिए, चाहे वो आपका विरोधी ही क्यों न हो। इस तरह मन की बात दूसरों के गुणों से सीखने का विशाल माध्यम बन गया। मोदी जी ने सेल्फी विद डॉटर मुहिम शुरू करने वाले सुनील जागलान से भी फ़ोन पर बात की, साथ ही मणिपुर में कमल के रेशों से इकोफ्रेंडली कपड़े बनाने वाली विजयशान्ति तथा हीलिंग हिमालय अभियान चलाने वाले प्रदीप सांगवान से भी हालचाल पूछा। मोदीजी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी बात की। मन की बात के सौवें एपिसोड में मोदी जी ने देश के उन देशवासियों को याद किया जिन्होने अपने जीवन के पचास, चालीस या तीस साल बंजर जमीन में पेड़ लगाने, जल संरक्षण के लिए कुएं और तालाब खोदने, उनकी साफसफाई करने, गरीब बच्चों को पढ़ाने, गरीबों का इलाज करने में लगा दिया और जम्मू कश्मीर की पेंसिल स्लेटस के कारोबारी मंजूर अहमद से फ़ोन पर बात किया तो मंजूर ने बताया कि मन की बात में उनकी चर्चा होने के बाद उनका काम और बढ़ गया। पीएम मोदी ने युनेस्को के डाइरेक्टर जेऩेरल औद्रे ऑजुले से भी फोन पर बात की और शिक्षा, संस्कृति, संरक्षण को लेकर भारत के प्रयासों की चर्चा की। अंत में प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियों, हमारे उपनिषदों का एक मंत्र सदियों से हमारे मानस को प्रेरणा देता आया है, चरैवेति चरैवेति चरैवेति अर्थात चलते रहो चलते रहो चलते रहो। आज हम इसी चरैवेति चरैवेति की भावना के साथ मन की बात का सौंवा एपिसोड पूरा कर रहे हैं।" ★सुलेना मजुमदार अरोरा ★ You May Also like Read the Next Article