केले का जादू: स्वास्थ्य और स्वाद का अद्भुत फल कहा जाता है कि दो केले खाकर ऊपर से दूध पीने से दो-तीन महीने के पश्चात् व्यक्ति मोटा होने लगता है। इसके अतिरिक्त, दही के साथ केले को खाने से दस्त से छुटकारा मिलता है By Lotpot 03 Dec 2024 in Interesting Facts New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 केले का जादू: स्वास्थ्य और स्वाद का अद्भुत फल- कहा जाता है कि दो केले खाकर ऊपर से दूध पीने से दो-तीन महीने के पश्चात् व्यक्ति मोटा होने लगता है। इसके अतिरिक्त, दही के साथ केले को खाने से दस्त से छुटकारा मिलता है और शहद के साथ मिलाकर खाने से दिल के दर्द में राहत मिलती है। केले के फायदे इतने अधिक हैं कि यह सभी लोगों द्वारा बेहद पसंद किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि केला सर्वप्रथम मलेशिया और इंडोनेशिया में पाया गया, जिसका उल्लेख लगभग 350 ईसा पूर्व के मलेशियाई ग्रंथों में मिलता है। केले का पौधा तेजी से बढ़ता है और अच्छी फसल देता है। इसके पौधे की सुगंध और इसके पत्ते काफी आकर्षक होते हैं। यदि स्वातिका नक्षत्र में केले के ऊपर वर्षा की बूंदें पड़ जाएं, तो वह कपूर का कार्य करती हैं। मलेशिया से यह चीन पहुंचा, जहां दूसरी शताब्दी में इसे अपनाया गया। वहीं, अमेरिका जैसे धनी और विकसित देश में केले का आगमन सोलहवीं शताब्दी में हुआ। वहां यह पहली बार में ही कौतुहल का विषय बन गया। भूमध्यसागर और प्रशांत महासागर के क्षेत्र में भी केले का अमेरिका से पहले, लगभग दसवीं शताब्दी में आगमन हुआ। केला अपने स्वाद, पोषण और आकार के आकर्षक गुणों के कारण धीरे-धीरे अन्य देशों में फैलता गया। समय के साथ यह पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गया और जिसने भी इसे खाया, उसका मन इसने मोह लिया। वर्तमान समय में जमैका केले के उत्पादन का मुख्य केंद्र है और यहीं से यूरोप के अधिकतर देशों को निर्यात किया जाता है। भारत में तो केला बहुत ही लोकप्रिय है। इसे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक बड़े चाव से खाते हैं। भारत में यह मुख्यतः महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दक्षिणी भारत में अधिक पाया जाता है। कच्चे केले को गर्मी देकर पकाया जाता है, जिसे "गढ़ी लगाना" भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया से यह पूरे वर्ष बाजार में उपलब्ध रहता है। केले को शुभ माना जाता है। विवाह, उत्सव, जगरातों आदि में इसका विशेष स्थान होता है। केले का प्रत्येक भाग उपयोगी है। दक्षिण भारत में इसके फूल और पत्तों का साग बनाया जाता है और इसके तने से रस निकालकर रंगाई की जाती है। कुछ लोग इसके तने को भी बड़े चाव से खाते हैं। केले की कुल उपज का तीन-चौथाई हिस्सा फल के रूप में ही खाया जाता है। केले का यह अद्भुत गुण—स्वादिष्ट, पोषण से भरपूर और बहुउपयोगी—इसे सभी का पसंदीदा फल बनाता है। जब यह इतना लाभदायक और स्वादिष्ट है, तो इसे चाव से कौन नहीं खाना चाहेगा? यह भी जानें:- चंद्रमा: पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह ऊँची कूद की तकनीक कब और कहाँ से आई उल्कापिंड क्या होते हैं? Fun Facts: हमारा सोलर सिस्टम #Lotpot Rochak Baatein #Rochak Jankaari #rochak tathya #Rochak Baatein #Rochak Jaankari You May Also like Read the Next Article