वन्य जीवन के रहस्य: पौधों की अद्भुत रक्षा प्रणाली वन्य जीवन के रहस्य- प्रकृति में, पौधों को अपनी सुरक्षा के लिए विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जानवरों और पर्यावरणीय परिस्थितियों से सुरक्षित रहने के लिए, By Lotpot 27 Aug 2024 in Interesting Facts New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 वन्य जीवन के रहस्य- प्रकृति में, पौधों को अपनी सुरक्षा के लिए विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जानवरों और पर्यावरणीय परिस्थितियों से सुरक्षित रहने के लिए, उन्होंने कई अनोखे और प्रभावी रक्षा तंत्र विकसित किए हैं। आइए इन तंत्रों के बारे में विस्तार से जानें। पौधों की रक्षा तंत्र 1. कांटों की रक्षा: खुले स्थानों में उगने वाले पौधों के लिए हमेशा यह खतरा रहता था कि जानवर उन्हें खा जाएंगे। अपनी सुरक्षा के लिए, कई पौधों ने कांटों का विकास किया। विशेषकर, रेगिस्तानी क्षेत्रों में उगने वाले पौधों में पत्तियां नहीं होतीं, बल्कि केवल कटीली डालियाँ होती हैं। इन कांटों की वजह से जानवर उन्हें खाना मुश्किल समझते थे। इसके अलावा, पत्तियों के अभाव में इन पौधों का पानी भी तेजी से नहीं सूखता था, जिससे वे कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रह पाते थे। 2. जहरीले बाल: कुछ पौधों पर जहरीले बाल उगे होते थे, जो उन्हें जानवरों से बचाते थे। जब कोई जानवर इन पौधों से रगड़ खाता था, तो ये बाल उसकी त्वचा में प्रवेश कर जाते थे और उसे नुकसान पहुँचाते थे। उदाहरण के तौर पर, पश्चिम अफ्रीका में कई ऐसे पौधे पाए जाते थे, जिनके केवल स्पर्श से ही ज्वर आ जाता था। 3. परजीवी पौधे: कुछ पौधों ने अपनी रक्षा के लिए एक और अनोखी रणनीति अपनाई। अमर बेल जैसे पौधों में जड़ नहीं होती थी। ये पौधे किसी अन्य पौधे की डालियों पर अपने अंश घुसा देते थे और उसी पौधे के भोजन पर अपना निर्वाह करते थे। इस प्रकार, परजीवी पौधे बिना अपनी जड़ के ही जीवित रहते थे। कई बार मूल वृक्ष से इतना भोजन और पानी परजीवी पौधों द्वारा खींच लिया जाता था कि मूल वृक्ष सूख जाता था। पौधों का भोजन भंडारण 1. जड़ों में भोजन भंडारण: कई पौधों ने अपने भोजन को सुरक्षित रखने के लिए उसे अपनी जड़ों में जमा करना शुरू किया। गाजर का पौधा अपनी जड़ में ही अपने भोजन का भंडार सुरक्षित रखता था। आलू, जो एक तना है, भी जमीन के नीचे अपने अतिरिक्त भोजन को जमा करता था। इस प्रकार, ये पौधे विपरीत परिस्थितियों में भी अपने पोषण की आपूर्ति कर पाते थे। 2. पत्तियों में भोजन भंडारण: कुछ पौधों ने अपनी पत्तियों में भोजन जमा करना शुरू किया। बंद गोभी इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जो अपने भोजन को पत्तियों में संरक्षित रखता था। बिना बीज के पौधों की उत्पत्ति तनों से नए पौधों का जन्म: अधिकांश पौधों की उत्पत्ति बीज के माध्यम से होती थी, लेकिन कुछ पौधों में तनों से भी नई टहनियां निकलती थीं। पोदीना जैसे पौधे जमीन के अंदर-अंदर नई टहनियों को जन्म देते थे, जो एक नये पौधे को जन्म देती थीं। गुलाब का पौधा भी इसी प्रकार के पौधों में से एक है। इसमें एक टहनी को काटकर मिट्टी में दबा दिया जाता था, और इस कलम से एक नए पौधे का जन्म हो जाता था। सीख: प्रकृति ने पौधों को इतनी अद्भुत और विविध रक्षा प्रणालियों से लैस किया है, जिससे वे कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रह सकें। ये रक्षा तंत्र न केवल पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि हमें भी प्रकृति के अनोखे और अद्भुत रहस्यों की झलक दिखाते हैं। यह भी जानें:- चंद्रमा: पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह ऊँची कूद की तकनीक कब और कहाँ से आई उल्कापिंड क्या होते हैं? Fun Facts: हमारा सोलर सिस्टम #facts You May Also like Read the Next Article