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यह अनोखी पहल भारत के सिवाय और कौन कर सकता है? दुनिया की सबसे लंबी यात्रा के लिए रवाना हो चुका रिवर क्रूज़, एमवी गंगा विलास, 51 दिनों में लगभग 3200 किमी की दूरी तय करके डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। इस दौरान यह क्रूज़ बांग्लादेश से होकर भी गुजरेगा। दिनाँक 13 जनवरी 2023 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा विश्व की सबसे लंबी यात्रा पर निकलने वाले भारतीय रिवर क्रूज़, एमवी गंगा विलास को वर्चुअली हरी झंडी दिखा कर रवाना की थी । उस दौरान सी एम योगी काशी में उपस्थित थे।
बत्तीस यात्रियों के साथ, काशी से बोगीबील तक के सुहाने सफर पर रवाना हो चुके यह क्रूज़ पंद्रह दिनों तक बांग्लादेश से गुजरेगा जिसके पश्चात गंगा विलास असम की ब्रह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा। इसके तहत यह क्रूज़ सत्ताइस रिवर सिस्टम से होते हुए गुजरेगा। भारत बंग्लादेश प्रोटोकॉल के कारण यह क्रूज़ बांग्लादेश को क्रॉस करेगी। यह जल महल, पचास से अधिक महत्वपूर्ण स्थानों पर रुकेगी जिससे यात्रियों को कई विश्व धरोहर स्थलों, नदी घाटों, राष्ट्रीय उद्यानों, एतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक जगहों के दर्शन करने का मौका मिलेगा । इस विशेष और दुनिया में सबसे अनोखे जल महल की खूबसूरती देखते ही बनती है। यह 62 मीटर लंबा और बारह मीटर चौड़ा है जिसमें तीन डेक है।
फाईव स्टार सुविधाओं और अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस यह जलयान, हर दृष्टि से वैश्वीक स्तर के सारे मापदंड पर खरा उतरता है। इस जलयान के सफर के दौरान गंगा का पानी प्रदुषित ना हो इसका भी ख्याल रखा गया है, बल्कि यह जलयान पर्यावरण को साफ रखने में मदद करता है। इसमें आरओ तथा एसटीपी प्लांट भी लगाया गया है ताकि क्रूज़ में इस्तमाल किया गया पानी दूषित रूप से गंगा में ना बहे। यह क्रूज़ आते समय (अपस्ट्रीम) लगभग बारह किलोमिटर प्रति घंटा और जाते समय (डाउन स्ट्रीम) लगभग बीस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर तय करेगा। यह प्रदूषण और शोर रहित जलयान है। भारत के सबसे बड़े इस महा लग्ज़री क्रूज़ में 51 दिनों के लिए सफर करने का किराया लगभग बीस से पच्चीस लाख रुपये है।
इस सुखद, अकल्पनीय यात्रा के दौरान यात्रियों को वो सारी सुख सुविधाएं प्रदान की जाएगी जो फाईव स्टार होटल्स में दी जाती है। इस क्रूज़ में अट्ठारह कमरे हैं। हर कमरे में बेड, तकिये, गलीचे, सजावट की चीजें, सब देश के अलग अलग जगहों से मंगाये गए हैं जिससे देश में विविधता में एकता के दर्शन हो सके। प्रत्येक कमरे में टीवी, किताबें पढ़ने लिखने के लिए टेबल है और हर कमरे से बाहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है।
इस जलयान में एक साथ छत्तीस पर्यटक यात्रा कर सकते हैं। गंगा विलास क्रूज़ का निर्माण कोलकाता में अट्ठारह महीने में पूरा किया गया जिसमें भारतीय साज सज्जा, संस्कृति और कलाकारी स्पष्ट विदित है। क्रूज़ में किचन, जिम, रेस्तरां, सैलून, ओपन स्पेस, गीत संगीत, चिकित्सा की सुविधा सब कुछ है। इसका रूट वाराणसी, गाजीपुर से होते हुए बक्सर से पटना, मुंगेर, भागलपुर, फिर बंगाल से बांग्लादेश में एंट्री करेगा। यह क्रूज़ एक बढ़िया पर्यटन व्यवसाय स्थापित कर सकता है।
★सुलेना मजुमदार अरोरा★