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बच्चों के लिए मज़ेदार जोक्स: हंसी का मज़ा दोगुना : बच्चों को हंसी बहुत पसंद होती है, और जोक्स सुनने से उनका दिन और भी खुशमिजाज बन जाता है। जोक्स न सिर्फ मनोरंजन करते हैं, बल्कि बच्चों की सोच को तेज करने और उनकी रचनात्मकता को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। अगर आप अपने बच्चों को हंसाना चाहते हैं या उन्हें स्कूल या दोस्तों के साथ कुछ मजेदार पल बिताने का मौका देना चाहते हैं, तो यहाँ कुछ खास जोक्स दिए गए हैं जो 5 से 12 साल के बच्चों के लिए बिल्कुल सही हैं।
पहला जोक: एक दिन छोटू ने अपनी मम्मी से पूछा, "मम्मी, बादल क्यों उड़ते हैं?" मम्मी ने हंसते हुए कहा, "क्योंकि उनके पास विमान टिकट नहीं होता!" छोटू की हंसी सुनकर घर में सब खुश हो गए।
दूसरा जोक: टीचर ने राहुल से पूछा, "अगर मैं तुम्हें 5 रुपये दूँ और फिर 5 रुपये और दूँ, तो कितने होंगे?" राहुल ने तुरंत जवाब दिया, "5 रुपये!" टीचर चौंकी, "क्यों?" राहुल बोला, "क्योंकि आप तो देने की बात कर रही हैं, लेकिन असल में कुछ नहीं देतीं!" क्लास में ठहाके लग गए।
तीसरा जोक: एक बार एक गधा स्कूल गया और टीचर से बोला, "मुझे पढ़ाना शुरू करें।" टीचर ने कहा, "लेकिन तुम तो गधे हो!" गधे ने जवाब दिया, "कोई बात नहीं, आप पढ़ाइए, मैं सीख लूँगा!" बच्चों के लिए यह जोक हंसी और सबक दोनों देता है।
इन जोक्स को आप अपने बच्चों के साथ शेयर कर सकते हैं। इन्हें सुनकर वे न सिर्फ हंसेंगे, बल्कि अपने दोस्तों को भी बताएंगे। जोक्स सुनने और बनाने की आदत बच्चों में आत्मविश्वास भी बढ़ाती है। आप उन्हें प्रोत्साहित कर सकते हैं कि वे खुद जोक्स बनाएँ, जैसे "मेरा कुत्ता इतना चालाक है कि वह मेरी होमवर्क कॉपी चुरा लेता है और कहता है, इसे मैंने किया!"
तो अगली बार जब आपका बच्चा उदास हो, उसे ये जोक्स सुनाएँ और देखें कैसे उसकी मुस्कान खिल उठेगी। हंसी ही जीवन का सबसे अच्छा इलाज है, खासकर बच्चों के लिए!
रोटी
टीचर: एक औरत एक घंटे में 50 रोटी बना लेती है, तो तीन औरतें 1 घंटे में कितनी रोटी बनाएंगी?
चेलाराम: एक भी नहीं, क्योंकि तीनों मिलकर सिर्फ चुगली करेंगी!
घर छोड़कर
यामुंडा: मैं घर छोड़कर जा रहा हूँ।
पिता: ठीक है बेटा, जाते समय लाइट बंद कर देना, बिजली का बिल बहुत ज्यादा आ रहा है।
स्कूल
चेलाराम: मैम, मेरा बेटा आज स्कूल नहीं आएगा।
टीचर: आप कौन बोल रहे हैं?
चेलाराम: मेरे पापा बोल रहे हैं।
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