बाल कहानी - पेड़ की बुद्धिमानी बरसात का मौसम आने वाला था। एक छोटी सी चिड़िया अपने बच्चों के लिए आश्रय की तलाश में नदी किनारे पहुंची। वहां उसे दो पेड़ दिखाई दिए। चिड़िया ने पहले पेड़ से विनम्रता से कहा, "बरसात के दिनों में मेरे और मेरे बच्चों को आश्रय चाहिए। By Lotpot 09 Jan 2025 in Jungle Stories Moral Stories New Update Children Story The Wisdom of the Tree Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 बाल कहानी - पेड़ की बुद्धिमानी- बरसात का मौसम आने वाला था। एक छोटी सी चिड़िया अपने बच्चों के लिए आश्रय की तलाश में नदी किनारे पहुंची। वहां उसे दो पेड़ दिखाई दिए। चिड़िया ने पहले पेड़ से विनम्रता से कहा, "बरसात के दिनों में मेरे और मेरे बच्चों को आश्रय चाहिए। क्या मैं आपकी डाल पर घोंसला बना सकती हूं?" पेड़ ने चिड़िया की बात सुनकर गहरी सांस ली और कहा, "मुझे खेद है, लेकिन मैं तुम्हें यहां घोंसला बनाने की अनुमति नहीं दे सकता।" चिड़िया को यह जवाब सुनकर बहुत दुख हुआ। लेकिन वह हार नहीं मानी और दूसरे पेड़ के पास गई। दूसरा पेड़ बहुत दयालु था। उसने मुस्कुराकर कहा, "यहां आकर अपना घोंसला बनाओ। मैं तुम्हारे और तुम्हारे बच्चों की हरसंभव मदद करूंगा।" चिड़िया ने दूसरे पेड़ पर घोंसला बनाया और खुश होकर अपने बच्चों के साथ रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद भारी बरसात शुरू हुई। तेज़ हवाएं और बारिश ने नदी का स्तर इतना बढ़ा दिया कि पहला पेड़ बाढ़ में बह गया। चिड़िया ने यह देखकर हैरानी से कहा, "तुमने मुझे आश्रय देने से मना कर दिया था, और अब देखो, तुम्हें बाढ़ ने बहा दिया। यह तुम्हारी बेदर्दी की सजा है।" पहला पेड़ शांत स्वर में बोला, "मुझे पता था कि मेरी जड़ें कमजोर हैं। मैं इस बरसात में टिक नहीं पाऊंगा। तुम्हें और तुम्हारे बच्चों को जोखिम में डालना सही नहीं होता। इसीलिए मैंने मना किया। यह मेरी बेदर्दी नहीं, बल्कि तुम्हारी सुरक्षा की चिंता थी।" यह सुनकर चिड़िया चुप हो गई। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने धीरे से कहा, "मुझे माफ कर दो। मैंने तुम्हारी इनकार की गहराई को नहीं समझा। यह मेरी भूल थी।" पहला पेड़ मुस्कुराया और बोला, "हमेशा हर इनकार को उसकी गहराई में समझने की कोशिश करो। कई बार इनकार हमारी भलाई के लिए होता है।" इतना कहकर पेड़ बहते पानी में विलीन हो गया। पेड़ की बुद्धिमानी कहानी से सीख: हर इनकार हमेशा नकारात्मक नहीं होता। कई बार इनकार के पीछे कोई बड़ा कारण या हमारी भलाई छिपी होती है। हमें दूसरों की बातों को गहराई से समझकर निष्कर्ष निकालना चाहिए। और पढ़ें : Jungle Kahani : हंस और उल्लू जंगल कहानी : स्मार्ट कबूतर की चतुराई जंगल कहानी : भूलक्कड़ हाथी Jungle Story : चुहिया की होशियारी You May Also like Read the Next Article