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दुःखी कोयल : एक घने जंगल में रानी कोयल रहती थी, जिसकी मीठी आवाज़ पूरे जंगल में गूंजती थी। लेकिन, रानी कोयल अपने काले रंग को लेकर हमेशा दुखी रहती। वह अक्सर सोचती, "काश, मेरे पंख भी बुलबुल की तरह रंगीन होते, तो मैं भी सुंदर दिखती।" इसी बात को लेकर वह हमेशा मायूस रहती।
एक दिन उसने अपनी सबसे अच्छी दोस्त, बुलबुल, से अपनी परेशानी साझा की। उसने कहा, "बुलबुल, तुम कितनी सुंदर हो। तुम्हारे चमकीले लाल और काले पंख मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। लेकिन मैं? मेरा रंग तो बिलकुल काला है। मैं इस रंग के साथ खुश नहीं रह सकती।"
बुलबुल ने कोयल की बात ध्यान से सुनी और मुस्कुराकर बोली, "रानी, तुम्हारे रंग का क्या महत्व है? तुम्हारी आवाज़ तो इतनी मीठी है कि सारा जंगल तुम्हारी तारीफ करता है। तुम्हारी आवाज़ के बिना यह जंगल अधूरा है।" लेकिन रानी कोयल अब भी अपनी परेशानी में उलझी रही।
बुलबुल ने उसे समझाने की कोशिश की। उसने कहा, "देखो, हर किसी में कोई न कोई खासियत होती है। सोचो, अगर मैं रंगीन पंखों के साथ गा न सकूं, तो क्या मेरा रंग किसी काम का रहेगा? तुम्हारी आवाज़ इतनी मधुर है कि हर सुबह सारा जंगल तुम्हारे गीत से जागता है।"
रानी कोयल ने थोड़ा सोचा और फिर पूछा, "क्या सच में मेरी आवाज़ इतनी खास है?" बुलबुल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "हाँ, तुम्हारी आवाज़ ऐसी है जो हर किसी के दिल को छू लेती है। हर कोई तुम्हारी सराहना करता है।"
यह सुनकर रानी कोयल ने अपनी कमी को भूलने की कोशिश की। उसने अपनी आवाज़ की अहमियत को समझा और अब वह अपने रंग को लेकर दुखी नहीं थी। उसने खुश होकर बुलबुल से कहा, "तुम सही कहती हो, हमें अपनी खूबियों पर ध्यान देना चाहिए। अब से मैं अपनी आवाज़ को ही अपनी पहचान मानूंगी।"
दुःखी कोयल कहानी से सीख:
कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपनी खूबियों पर गर्व करना चाहिए और दूसरों से तुलना नहीं करनी चाहिए। हर किसी में कुछ न कुछ अनोखा होता है, जिसे पहचानकर हमें खुश रहना चाहिए।
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