कहानी: समुद्र किनारे की सीख एक बार की बात है, एक केकड़ा समुद्र के किनारे अपनी मस्ती में चल रहा था। चलते-चलते वह अपने पैरों के निशानों को देखकर खुश हो रहा था। हर कदम पर उसके पैरों के निशान एक सुंदर डिज़ाइन बनाते जा रहे थे। By Lotpot 09 Jan 2025 in Jungle Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 कहानी: समुद्र किनारे की सीख: एक बार की बात है, एक केकड़ा समुद्र के किनारे अपनी मस्ती में चल रहा था। चलते-चलते वह अपने पैरों के निशानों को देखकर खुश हो रहा था। हर कदम पर उसके पैरों के निशान एक सुंदर डिज़ाइन बनाते जा रहे थे। उसने सोचा, "मेरे पैरों के ये निशान कितने खूबसूरत हैं! इसे देखकर लोग मेरी तारीफ करेंगे।" जैसे ही वह आगे बढ़ता, निशान और आकर्षक होते जाते। लेकिन तभी एक तेज़ लहर आई और उसने सभी निशानों को मिटा दिया। यह देखकर केकड़ा गुस्से में भर गया। वह लहर से बोला, "हे लहर, मैं तो तुझे अपना मित्र मानता था, पर तूने मेरे बनाए इन सुंदर निशानों को क्यों मिटा दिया? क्या यही दोस्ती है?" लहर ने बड़े शांत स्वर में उत्तर दिया, "मित्र, मैंने यह तुम्हारी भलाई के लिए किया। देखो पीछे, कुछ मछुआरे तुम्हारे पैरों के निशान देखकर तुम्हें पकड़ने की योजना बना रहे थे। मैंने तुम्हारे निशानों को इसलिए मिटा दिया ताकि वे तुम्हें पकड़ न सकें।" यह सुनकर केकड़ा चौंक गया। उसने मछुआरों को पीछे छिपकर जाल तैयार करते हुए देखा। उसे लहर की बात समझ आ गई और उसने शर्मिंदा होकर कहा, "मित्र, मुझे माफ करना। मैं तुम्हारी मंशा को समझ नहीं पाया और तुम्हें गलत समझा। तुमने तो मेरी जान बचाई।" लहर मुस्कुराई और कहा, "दोस्त, हर बार चीज़ें वैसी नहीं होतीं, जैसी वे दिखती हैं। हमें दूसरों के इरादों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।" शिक्षा: हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। किसी को गलत समझने से पहले उसकी मंशा को समझने की कोशिश करनी चाहिए। बिना सोचे-विचारे निष्कर्ष पर पहुंचने से बेहतर है कि हम गहराई से सोचें और सही निर्णय लें। और पढ़ें : Jungle Kahani : हंस और उल्लू जंगल कहानी : स्मार्ट कबूतर की चतुराई जंगल कहानी : भूलक्कड़ हाथी Jungle Story : चुहिया की होशियारी You May Also like Read the Next Article