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एक घना जंगल और नागराज की मणि- बहुत समय पहले की बात है। एक हरे-भरे जंगल में नागराज नामक एक सर्प रहता था। नागराज बहुत शक्तिशाली और बुद्धिमान था। उसने अपनी सुरक्षा के लिए जंगल के एक कोने में एक पहाड़ी के नीचे गहरा बिल बना रखा था। उसकी पहचान थी उसके सिर पर जड़ी हुई एक अनमोल मणि। यह मणि न केवल चमचमाती थी बल्कि उसमें अद्भुत जादुई शक्तियां भी थीं। नागराज जब सोता तो मणि को अपने सिर से उतारकर बिल में छुपा देता और जब शिकार पर निकलता तो उसे धारण कर लेता।
मणि की चोरी
एक दिन जब नागराज गहरी नींद से जागा, तो उसने देखा कि उसकी कीमती मणि गायब थी। वह घबरा गया और पूरी ताकत से चिल्लाने लगा। उसकी चीखें सुनकर जंगल के सारे जानवर वहां इकट्ठा हो गए। जब सबने उससे चीखने का कारण पूछा, तो उसने अपनी मणि के चोरी होने की बात बताई। यह खबर जंगल के राजा शेर तक पहुंची। शेर ने तुरंत सभा बुलाई और मणि ढूंढने की जिम्मेदारी अपनी सबसे भरोसेमंद मंत्री चतुर लोमड़ी को सौंपी।
लोमड़ी की चतुराई
लोमड़ी ने सबसे पहले नागराज के बिल के आसपास का मुआयना किया। उसने देखा कि वहां कई चूहों के बिल थे। उसने अनुमान लगाया कि चोरी इन्हीं चूहों में से किसी ने की होगी। पर इतने सारे चूहों में से चोर को ढूंढना आसान नहीं था। लोमड़ी ने अपनी योजना बनाई। उसने अगले दिन सारे चूहों को बुलाकर एक जगह इकट्ठा किया। चूहे डरते-डरते आए और लोमड़ी ने उनसे सवाल-जवाब शुरू किए।
चोर की पहचान
पूछताछ के दौरान लोमड़ी को पता चला कि एक चूहा बाकी सबसे अलग व्यवहार कर रहा है। उसने अपने दोस्तों से मिलना-जुलना बंद कर दिया था और हमेशा अपनी नाक ऊंची करके चलता था। पहले वह ऐसा नहीं था। लोमड़ी को शक हुआ कि वही चूहा चोरी का दोषी है। उसने उस चूहे के बिल की तलाशी ली और वहां नागराज की मणि मिल गई। लोमड़ी ने चूहे को पकड़ा और शेर के दरबार में पेश कर दिया।
सजा और सीख
शेर ने चूहे की चोरी के अपराध को गंभीरता से लिया। उसने नागराज को उसकी मणि लौटाई और चतुराई के लिए लोमड़ी की प्रशंसा की। इसके बाद शेर ने चोर चूहे को जंगल से निकालने का आदेश दिया।
कहानी की शिक्षा
बच्चों, इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि चोरी करके कोई भी सुखी नहीं हो सकता। इसके अलावा, जब मूर्ख लोगों को अचानक दौलत मिल जाती है, तो वे घमंड और स्वार्थ में डूब जाते हैं। हमें हमेशा ईमानदारी से अपनी मेहनत का फल प्राप्त करना चाहिए और दूसरों के साथ प्रेम और आदर से पेश आना चाहिए।