Jungle Story - काली मक्खी की सच्ची लगन और मेहनत

काली मक्खी अन्य सभी मक्खियों से मोटी और तगड़ी थी। ताकत में भी वह सभी से बढ़कर थी। यही कारण था कि वह अपने दल की रानी थी। रानी होने के नाते वह अपने कर्त्तव्य का पालन पूरी तरह करती।

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काली मक्खी
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काली मक्खी अन्य सभी मक्खियों से मोटी और तगड़ी थी। ताकत में भी वह सभी से बढ़कर थी। यही कारण था कि वह अपने दल की रानी थी। रानी होने के नाते वह अपने कर्त्तव्य का पालन पूरी तरह करती। वह सदा इस बात का ध्यान रखती कि उसके दल की कोई मक्खी मक्कारी तो नहीं करती। यदि दिन भर मेहनत करने पर भी किसी मक्खी को भोजन नहीं मिलता तो काली मक्खी उसकी सहायता करती। रात को सोने से पहले वह स्वयं इस बात का ध्यान रखती कि कहीं कोई मक्खी भूखी तो नहीं रह गई ।

यों तो काली मक्खी का दल एक ही स्थान पर डेरा डाले रहता । हां भोजन का प्रबन्ध करने के लिए अवश्य ही सुबह होने पर मक्खियां अलग अलग स्थानों पर चली जातीं । वे दिन भर इधर से उधर उड़ती और शाम होने पर अपने डेरे पर आ जाती । शाम को सभी मक्खियां इकट्ठी होने पर एक जगह बठतीं । मनोरंजन के लिए गीत गाती तो कई नाचने लगती इसके बाद सभी सोने

को चली जाती और सुबह होते ही फिर वही कार्यक्रम आरम्भ हो जाता। इस तरह काली मक्खी के दल की सभी मक्खियां पूरी तरह से सुख चैन का जीवन बिता रही थी।

एक बारं मक्खियों का यह दल किसी शहर में पहुंचा । इससे पहले उन्होंने कोई बड़ा शहर नहीं देखा था, सभी को शहर का वातावरण बड़ा विचित्र सा लगा। नई जगह होने के कारण कुछ दिन तो मक्खियां रास्ते देखने में ही व्यस्त रहीं। साथ ही उनकी दिनचर्या भी भली भांति चलती रही।

एक दिन शाम को एक मक्खी ने अपनी सखियों को कहा, 'आज मैंने भोजन का इतना बड़ा भण्डार देखा है बड़ा कि सारा जीवन भी खाती रहें तो समाप्त नहीं हो सकता।'

'सच ! बता तो भला वह, भण्डार कहाँ है ?' एक ने पूछा तो वह बोली, 'अरे है भी बिल्कुल पास। यहीं पास में एक गुड़ की मंड़ी है । वहाँ हर समय हजारों मन गुड़ पड़ा रहता है। ऊपर से मजे की बात यह कि न कोई पकड़ने वाला और न ही वहाँ कोई दवा छिड़की जाती है ।'

'तब तो हम बेकार ही दिन भर इधर से उधर धक्के खाती हैं। इतनी मेहनत करने से क्या फायदा ? धूप में उड़ते रहने के बजाय दिन भर आराम करेंगे और सबह

शाम जाकर गुड़ खा कर आई तो सबको वहाँ लेते आयेंगे ।' एक बड़ी मक्खी ने सुझाव दिया और बाकी सभी उसकी हां में हां मिलाने लगीं। संयोग की बात है कि उस समय काली मक्खी वहाँ उपस्थित नहीं थी ।

अगले दिन से दल की सभी मक्खियों ने योजना के अनुसार भाग दौड़ बन्द कर दी। केवल सुबह और शाम गुड़ की मण्डी में जाती और पेट भरकर आ जाती। कभी किसी मक्खी को दिन में भूख लगती तो वह जाती और पल भर में गुड़ खाकर लौट आती । बाकी सारा समय मक्खियां अपने डेरे पर आराम से पड़ी रहती । एक बार काली मक्खी दोपहर के समय अपने डेरे पाया ।

यह देखकर उसे आश्चर्य तो हुआ परन्तु उसने किसी से कुछ नहीं कहा । अगले दिन काली मक्खी ने छिपकर देखा तो सारी बात उसकी समझ में आ गई। उसी शाम को उसने सभी मक्खियों को बुला कर कहा, 'हमें कल सुबह ही यह शहर छोड़कर जाना है।'

यह सुनते ही कई मक्खियां एक साथ बोल पड़ी। नहीं रानी जी, यहाँ हमारा मन बहुत लगा हुआ है। बेकार ही इधर उधर घूमने से क्या लाभ ? यह शहर भी अच्छा है और यहाँ का वातावरण भी बहुत अच्छा है। इस पर काली मक्खी ने उत्तर दिया कि मैं जानती हूँ कि तुम्हें इस शहर में गुड़ मण्ड़ी का लालच है ! इसलिए मैं चाहती हूँ कि हम यह शहर छोड़कर चली जायें । यदि हम अधिक दिनों तक यहाँ रहीं तो हम सबको आराम से खाने की आदत पड़ जायेगी फिर कभी संकट के समय भी इससे परिश्रम नहीं हो सकेगा। हर प्राणी को मेहनत करके ही खाना चाहिए । बिना मेहनत के खाते रहने से तरह तरह की बीमारियां लग जाती हैं।'

यह सुनते ही एक वृद्ध मक्खी बोली, 'सच रानी जी हमने तो यह बात कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह पड़े पड़े खाते रहकर हम कितनी बड़ी भूल कर रही थीं। अच्छा हुआ आपने हमारी आँखें खोल दीं। हम सब आपकी आभारी हैं।'

'नहीं नहीं, इसमें आभार की कोई बात नहीं हर मुखिया का यह कर्त्तव्य है कि वह अपने दल की भलाई सोचे और यदि उसके साथी गलत रास्ते पर जा रहे हो तो उन्हें टोके वही मैंने भी किया।'

रात भर सब मक्खियों ने विश्राम किया। अगले दिन सूरज निकलने से पहले ही. वे अपनी प्रिय रानी काली मक्खी के पीछे नए ठिकाने की खोज में उड़ चली।

इस कहानी से दो महत्वपूर्ण सीख मिलती हैं:

  1. सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रोत्साहन का प्रभाव:
    जब किसी की ऊर्जा और रचनात्मकता को सही दिशा में प्रेरित किया जाए, तो वह चमत्कार कर सकता है। अध्यापक ने बच्चों को डांटने या सजा देने के बजाय, उनकी शरारत को सकारात्मक तरीके से प्रोत्साहित किया, जिससे उनका ध्यान शरारतों से हटकर रचनात्मकता और मेहनत की ओर गया।

  2. लगन और मेहनत सफलता की कुंजी है:
    सच्ची लगन और मेहनत से किया गया कोई भी कार्य बेहतर परिणाम देता है। बच्चों ने अपनी मेहनत और लगन से अपने चित्रों में सुधार किया और सीखा कि यदि समय और मस्तिष्क सही दिशा में लगाया जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है।

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