जानिए भविष्य की शिक्षा प्रणाली कैसी होगी

वक़्त के साथ दुनिया तेजी से बदल रही है और शिक्षा के ट्रेंड्स भी बदल रहे है। दिन ब दिन आधुनिक होते जा रहे टेक्नोलॉजी हमारी शिक्षा के तरीकों को

By Lotpot
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Know how the education system of the future will be

वक़्त के साथ दुनिया तेजी से बदल रही है और शिक्षा के ट्रेंड्स भी बदल रहे है। दिन ब दिन आधुनिक होते जा रहे टेक्नोलॉजी हमारी शिक्षा के तरीकों को बदल रही है और नए नए रुझान लेकर आ रही है। आइए जानते है कि आने वाले भविष्य में वो कौन से ट्रेंड होंगे जो शिक्षा के स्तर को बेहतर बना सकते हैं।

पर्सनल एजुकेशन यानी व्यक्तिगत शिक्षा :-

पहला ट्रेंड होगा व्यक्तिगत शिक्षा जो प्रत्येक छात्र के जरूरत और क्षमता के अनुसार मापा हुआ होगा और उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहां स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है। शिक्षक अपने छात्रों की प्रगति को ट्रैक करने के लिए इस टेक्नॉलजी का उपयोग कर सकते हैं। यह छात्रों को उनकी सम्भावनाओं तक पहुँचने में मदद करती है।

गेमीफिकेशन:--

गेमीफिकेशन का मतलब है शिक्षा को अधिक मनोरंजक और आकर्षक बनाने के लिए तरह तरह के खेलों को पढ़ाई में शामिल करना। इस प्रकार के खेल में स्टूडेंट्स को उनकी शिक्षा पूरा करने के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पुरस्कार, बैज प्रदान किया जाएगा और खेल खेलने से छात्रों की प्रेरणा में भी सुधार हो सकता है और उन्हें यह याद रखने में मदद मिल सकती है कि उन्होंने क्या सीखा है।

वर्चुअल तथा ऑगमेंटेड रिएलिटी:--

वर्चुअल तथा ऑगमेंटेड रिएलिटी का अर्थ है वास्तविक जैसा आभास देने वाला और वास्तविकता को ज्यादा बढ़ा कर प्रस्तुत करने वाला। यह एक ऐसी तकनीक है जो छात्रों को कक्षा छोड़े बिना ही विभिन्न स्थानों और काल खंड पर ले जा सकती है। वर्चुअल तथा ऑगमेंटेड वास्तविकता के साथ, छात्र बिना कहीं गए ही ऐतिहासिक स्थलों का पता लगा सकते हैं, विदेश यात्रा कर सकते हैं और यहां तक कि मानव शरीर विज्ञान पर भी शोध कर सकते हैं। ऑगमेंटेड रियलिटी के साथ, छात्र वास्तविक दुनिया में डिजिटल छवियों पर पेंट कर सकते हैं और नए तथा रोमांचक तकनीक वाले ज्ञान को अपने जीवन में ला सकते हैं। वर्चुअल और ऑगमेंटेड वास्तविकता हमारे शिक्षा प्रणाली को बदल कर शिक्षा को अधिक आसान और आकर्षक बना सकती है।

सोशल इमोशनल लर्निंग:--

यह मॉडर्न एजुकेशन यानी एसईएल, (सोशल इमोशनल लर्निंग) छात्रों को अपनी भावनाओं को मैनेज करने, सकारात्मक रिलेशन रखने और जिम्मेदार निर्णय लेने की कुशलता विकसित करने की तकनीक सिखाती है। एसईएल छात्र छात्राओं को संवेदनशील होने, प्रभावशाली ढंग से अपनी बात रखने और सबके साथ मिलकर जुल्कर अच्छी तरह से काम करना सीखाते हैं। यह तकनीक इन दिनों, स्कूलों में अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है क्योंकि इसी तकनीक से शिक्षक छात्रों को जीवन में सफल होने की सीख दे सकते है ।

इस तरह, भविष्य में शिक्षा का ट्रेंड रोमांचक और संभावनाओं से भरा हुआ है। व्यक्तिगत शिक्षा, (पर्सनल एजुकेशन), खेल के माध्यम से शिक्षा, आभासी वास्तविकता, (वर्चुअल तथा ऑगमेंटेड रिएलिटी), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशल इंटेलिजंस) और सामाजिक शिक्षा एक नए शिक्षा विचारधारा को जन्म देने वाली है।

★सुलेना मजुमदार अरोरा ★