एक जंगल की मजेदार कहानी : भगवान का दूत Jungle Story भगवान का दूत: उल्लू वन में सिर्फ उल्लू ही रहते थे। इसलिए उन्हें यह पता नहीं था कि उनके सिवा कोई ऐसा पंछी होता है जो दिन में भी देख सकता हो। एक दिन अचानक उल्लू वन में एक काला, लंबी चोंच वाला कौआ आ पहुँचा। उसने चश्मा पहन रखा था। उसकी गर्दन में एक थैला लटक रहा था। रात होतेे ही वन के उल्लू झुण्ड बनाकर उस विचित्र पंछी को देखने पहुँचे। एक उल्लू ने पास आकर उससे पूछा, आप कौन है? और कहाँ से आये हैं? By Lotpot 10 Oct 2023 | Updated On 16 Oct 2023 13:15 IST in Jungle Stories New Update Jungle Story भगवान का दूत: उल्लू वन में सिर्फ उल्लू ही रहते थे। इसलिए उन्हें यह पता नहीं था कि उनके सिवा कोई ऐसा पंछी होता है जो दिन में भी देख सकता हो। एक दिन अचानक उल्लू वन में एक काला, लंबी चोंच वाला कौआ आ पहुँचा। उसने चश्मा पहन रखा था। उसकी गर्दन में एक थैला लटक रहा था। रात होतेे ही वन के उल्लू झुण्ड बनाकर उस विचित्र पंछी को देखने पहुँचे। एक उल्लू ने पास आकर उससे पूछा, आप कौन है? और कहाँ से आये हैं? मैं भगवान का दूत हूँ। मैं स्वर्ग से उड़नतश्तरी के द्वारा तुम्हारे वन में आया हूँ। उल्लू वन आप का स्वागत करता हैं। उल्लू प्रसन्न होकर बोला, कृपया बताये कि आपका यहाँ आना क्यों हुआ? दरअसल बात यह है कि तुम लोगों को बनाते समय भगवान से कुछ गलती हो गई थी। फलस्वरूप तुम सब दिन में नहीं देख पाते हो। इसलिए भगवान ने चश्मा भेजा है, इसे पहन कर तुम सब दिन में भी देख सकोगे। कौआ चश्मा दिखाकर बोला। आने और लौट कर जाने में होने वाले भारी खर्च को पूरा करने के लिए प्रत्येक चश्मे का दाम मात्र 10 रूपये रखा गया है। जो चाहे, खरीद सकता हैं, मैं सुबह स्वर्ग लौट जाऊँगा। वन के सब उल्लू चकित हो खुसुर- फुसुर करने लगे, फिर एक उल्लू, बोला, हमें कैसे विश्वास हो कि आपके चश्मे के गुण वही हैं जो आप कह रहे हैं? सूर्य उगने ही वाला है, अभी परीक्षा हो जाएगी। लेकिन मुझे अगली सुबह तक रूकना पड़ेगा। कौआ बोला। थोड़ी देर में जब दिन का उजाला फैल गया, तो कौए ने बरगद के सामने वाले पेड़ पर जाकर बारी-बारी से चश्में पहन कर बताया कि कौन उल्लू अपनी जगह से खिसका, किसने चांेंच खोली, किसने अपने पंख फड़फड़ाए, किस डाल पर कितने उल्लू किस दिशा में बैठे हैं, आदि आदि। सभी को विश्वास हो गया, लेकिन एक सबसे बूढ़ा उल्लू जो जब तक एक ओर बैठा सोच रहा था कि यह विचित्र पंछी कौआ ही है, क्योंकि उसके दादा जी ने बताया था कि एक पंछी काला, लंबी चोंच वाला कौआ होता है, वह दिन में भी देखता है वह बेहद चालाक और ठग होता है वह बच्चों के हाथ से रोटी झपट लेता हैं। बूढ़े उल्लू ने अपना शक सब उल्लूआंे को बता दिया। फिर बूढ़ा विचित्र पंछी से बोला, आप मुझे चश्मा पहना दें, अपने घर से पैसे ला देता हूँ। इस चश्मे को सिर्फ रात में ही खरीदा जा सकता है और बगैर खरीदे पहना नहीं जा सकता, ऐसा भगवान का आदेश हैं। अब सब उल्लू संदेह करने लगे। कुछ देर बाद वह बूढ़ा उल्लू बोला, दूत भाई बहुत दूर से हमारी सेवा के लिए आये हैं। अतः हम आपको स्वागत भोज देंगे। कृपया बरगद के खोखर में चलें। बरगद के खोखर में अँधेरा था, लेकिन खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था थी। कौआ ने नींद की दवा मिला खाना खूब डटकर खाया और बिस्तर पर लेट गया। कौए के सोते ही एक उल्लू चश्मा पहनकर बाहर जमीन पर गिर पड़ा। फिर भी उल्लुओं ने प्रत्येक चश्में की परीक्षा ली। संदेह अब पक्का हो गया था। अँधेरा फैल चुका था। कौआ बिस्तर से उठकर बोला, जो चाहे झटपट चश्मा खरीद ले, मैं अब स्वर्ग जाऊँगा। कौआ जी, हमने आपकी और अपने चश्मे की परीक्षा ले ली है। अब आप स्वर्ग जाने के लिए तैयार हो जाइये। इसके साथ ही उल्लूओं की चोंच उस पर पड़ने लगी। कौए ने उड़कर भागना चाहा, किन्तु खोखर के बाहर बैठे उल्लुओं ने हमला बोल दिया। बच पाने का कोई रास्ता न देख कौआ रो-रोकर गिड़-गिड़गिड़ाने लगा। माफ कर दो भाइयों, अब ऐसी गलती कभी नहीं करूँगा। भगवान के दूत को माफ करने की औकात भला हममें कहाँ? और सब उल्लू खिलखिला कर हँस पड़े। और पढ़ें : बाल कहानी: पिंटू ने शैतानों को पकड़ा Facebook Page #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article