डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: भारत के मिसाइल मैन और प्रेरणादायक नेता डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिन्हें "भारत के मिसाइल मैन" के नाम से जाना जाता है, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक प्रमुख हस्ती रहे हैं। उनके निधन के बाद भी, उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। By Lotpot 01 Aug 2024 in Lotpot Personality New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: भारत के मिसाइल मैन और प्रेरणादायक नेता:- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिन्हें "भारत के मिसाइल मैन" के नाम से जाना जाता है, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख हस्ती थे। उनके जीवन और कार्यों ने न केवल भारत को प्रेरित किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उनके योगदान को सराहा गया। डॉ. कलाम का जीवन, उनकी उपलब्धियाँ और उनके विचार आज भी युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं। इस लेख में हम डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन, उनके प्रमुख कार्यों, उनके दृष्टिकोण और उनकी शिक्षाओं के बारे में विस्तार से जानेंगे। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनके पिता, जैनुल आबिदीन, एक धार्मिक और सम्मानित व्यक्ति थे, और उनकी मां, आशियम्मा, एक दयालु गृहिणी थीं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी और इस कारण परिवार की आय में सहयोग देने के लिये उन्हें बचपन से ही बाहर काम करना पड़ा। स्कूल की पढ़ाई के बाद कलाम समाचार पत्र बांट कर अपने पिता की आर्थिक सहायता करते थे। स्कूल के दिनों में वे एक सामान्य छात्र रहे किन्तु उनकी अध्यापकों की राय में वे मेहनती थे और उनमें उच्य शिक्षा के प्रति एक लगन थी। गणित में उनकी विशेष रूचि थी और गणित अध्यन में वे काफी समय लगाते थे। कलाम की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल में हुई और बाद में उन्होंने त्रिवेंद्रम के सेंट जोसेफ कॉलेज से भौतिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में योगदान डॉ. कलाम का करियर भारतीय रक्षा क्षेत्र में शुरू हुआ, जहां उन्होंने भारत की मिसाइल तकनीक को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख सदस्य रहे और उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भाग लिया। उनका प्रमुख योगदान भारत की पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV) को सफलतापूर्वक लॉन्च करने में था। इसके साथ ही, उन्होंने भारत की मिसाइल कार्यक्रमों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसमें अग्नि और पृथ्वी मिसाइलें शामिल हैं। राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने से पहले वे डी. आर. डी. ओ. के एयरो स्पेय इंजीनियर रहे। उनका नाम लांच व्हकिल टैक्नोलोजी के विकास के साथ भी जुडा हुआ है। वर्ष 1998 में किये गये पोखरन-2 परमाणु परीक्षण में भी उनका अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राष्ट्रपति का कार्यकाल डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को 2002 में भारत का राष्ट्रपति चुना गया। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने भारतीय लोकतंत्र और समाज की विभिन्न समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया। वे एक सरल और जनप्रिय राष्ट्रपति थे, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई पहल कीं। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने के लिए कई विद्यालयों और विश्वविद्यालयों का दौरा किया और उन्हें अपनी क्षमता को पहचानने और देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। उनका राष्ट्रपति कार्यकाल, उनके विनम्र स्वभाव और उनकी जनता के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। समाज और शिक्षा में योगदान डॉ. कलाम ने समाज और शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने अपनी पुस्तक "विंग्स ऑफ फायर" में अपनी आत्मकथा लिखी, जो युवाओं को प्रेरित करने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है। इसके अलावा, उन्होंने "इंडिया 2020" और "अग्नि की उड़ान" जैसी किताबें भी लिखीं, जो भारत के विकास की दिशा और उनके दृष्टिकोण को स्पष्ट करती हैं। उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। कथन और प्रेरणा डॉ. कलाम का मानना था कि "सपने वे नहीं जो सोते समय देखे जाते हैं, बल्कि सपने वे हैं जो सोने नहीं देते"। उनके विचारों में आत्म-विश्वास, ईमानदारी और मेहनत की महत्वपूर्णता को स्पष्ट किया गया है। उन्होंने हमेशा युवाओं को अपने सपनों का पालन करने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने की सलाह दी। विरासत और सम्मान डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को हुआ। उनके निधन के बाद भी, उनकी विरासत और योगदान को याद किया जाता है। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले, जिसमें भारत रत्न, देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान शामिल है। उनकी शिक्षाओं और विचारों ने भारतीय समाज को नई दिशा दी और वे आज भी युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बने हुए हैं। निष्कर्ष डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन और कार्य हमें यह सिखाते हैं कि कठिनाइयों के बावजूद, दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनका योगदान विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अमूल्य है। उनकी शिक्षाएं और उनके दृष्टिकोण आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं और उनके जीवन के मूल्य हमें हमेशा याद दिलाते हैं कि हमें अपनी मेहनत और ईमानदारी से देश और समाज के लिए योगदान देना चाहिए। इन्हें भी जानें:- माइकल फेल्प्स: स्विमिंग के शहंशाह सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता हैं मलाला यूसुफजई पब्लिक फिगर: भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक होमी जहांगीर भाभा Public Figure: उल्लेखनीय कद के व्यक्ति थे श्री अटल बिहारी वाजपेयी #Dr. A.P.J Abdul Kalam short biography in hindi #The Missile Man of India in hindi #डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम #भारत के मिसाइल मैन #डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की लघु जीवनी You May Also like Read the Next Article