C.V. Raman का जीवन परिचय सी. वी. रमन भारत के महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने भौतिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और 'रमन प्रभाव' की खोज की। रमन का पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकट रमन था, और वे पहले भारतीय थे By Lotpot 07 Nov 2024 in Lotpot Personality New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 सी. वी. रमन (C.V. Raman) : परिचय सी. वी. रमन (C.V. Raman) भारत के महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने भौतिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और 'रमन प्रभाव' की खोज की। रमन का पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकट रमन था, और वे पहले भारतीय थे जिन्हें विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी खोजों ने भारतीय विज्ञान को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। जन्म और प्रारंभिक जीवन चंद्रशेखर वेंकट रमन (C.V. Raman) का जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर था, जो एक शिक्षक और गणितज्ञ थे। उनकी माता का नाम पार्वती अम्मल था। रमन की प्रारंभिक शिक्षा उनके पिता की देखरेख में हुई। बचपन से ही रमन का विज्ञान और गणित की तरफ झुकाव था। वे बहुत ही होनहार और मेहनती छात्र थे। शिक्षा और वैज्ञानिक रुचि रमन ने अपनी स्नातक की पढ़ाई 1904 में मद्रास (अब चेन्नई) के प्रेसीडेंसी कॉलेज से पूरी की। उन्होंने 1907 में एम.ए. की डिग्री हासिल की और इसी दौरान भौतिकी में उनकी गहरी रुचि विकसित हुई। रमन ने संगीत, प्रकाश, और ध्वनि के वैज्ञानिक पहलुओं का भी अध्ययन किया, जो उनके आगे के शोध में सहायक रहे। उनके शुरुआती शोध पत्र इंडियन जर्नल ऑफ फिजिक्स में प्रकाशित हुए, जो उनकी वैज्ञानिक रुचि और मेहनत को दर्शाते हैं। रमन प्रभाव की खोज 1928 में, सी. वी. रमन ने 'रमन प्रभाव' की खोज की, जो प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering of Light) से संबंधित है। रमन और उनके सहायक के.एस. कृष्णन ने पाया कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी सामग्री पर पड़ता है, तो वह अपनी दिशा बदलता है और कुछ ऊर्जा खो देता है। यह खोज विज्ञान के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हुई और इसे 'रमन प्रभाव' के नाम से जाना गया। इस खोज के लिए रमन को 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में उन्हें प्रसिद्ध बना दिया। वैवाहिक जीवन और परिवार सी. वी. रमन (C.V. Raman) का विवाह 1907 में लोकसुंदरी अम्मल से हुआ था। उनके दो बच्चे हुए: चंद्रशेखर और राधाकृष्णन। रमन का परिवार उन्हें हर कदम पर प्रेरित करता था, और उनकी पत्नी ने भी हमेशा उनका साथ दिया। परिवार के समर्थन के कारण ही वे अपने वैज्ञानिक अनुसंधानों में पूरी तरह से समर्पित रह सके। अन्य रुचियाँ और योगदान सी. वी. रमन को भारतीय संगीत और वाद्ययंत्रों में भी गहरी रुचि थी। वे संगीत के विज्ञान को समझने के लिए विभिन्न भारतीय वाद्ययंत्रों पर अध्ययन करते थे। उनके काम ने भौतिकी के क्षेत्र में नई राहें खोलीं और उन्होंने भारतीय विज्ञान को विश्व मंच पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 1948 में 'रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट' की स्थापना की, जो आज भी वैज्ञानिक अनुसंधान में अग्रणी है। मृत्यु और विरासत सी. वी. रमन का निधन 21 नवंबर 1970 को बेंगलुरु में हुआ। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियाँ और उनके योगदान आज भी विज्ञान के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी खोजों और शोध ने भारतीय विज्ञान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनकी स्मृति में हर साल 28 फरवरी को 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' के रूप में मनाया जाता है, ताकि उनकी उपलब्धियों का सम्मान किया जा सके। FAQ: सी. वी. रमन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल सी. वी. रमन का पूरा नाम क्या था? उनका पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकट रमन था। सी. वी. रमन की प्रसिद्ध खोज कौन-सी है? सी. वी. रमन ने 'रमन प्रभाव' की खोज की थी, जो प्रकाश के प्रकीर्णन से संबंधित है। रमन प्रभाव की खोज के लिए सी. वी. रमन को कौन-सा पुरस्कार मिला? उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया। सी. वी. रमन का जन्म कब और कहाँ हुआ था? उनका जन्म 7 नवंबर 1888 को तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु में हुआ था। सी. वी. रमन का विवाह किससे हुआ था? उनका विवाह लोकसुंदरी अम्मल से हुआ था। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है और क्यों? 28 फरवरी को 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' के रूप में मनाया जाता है, ताकि सी. वी. रमन की उपलब्धियों का सम्मान किया जा सके। और पढ़ें : Amit Shah: भारतीय राजनीति के कुशल नेता Pandurang Shastri Athawale: एक प्रेरणादायक दार्शनिक और समाज सुधारक Anil Kumble: भारत के 'जंबो' का सफर और क्रिकेट में उनका योगदान Milkha Singh: साहस, संघर्ष और सफलता का संगम You May Also like Read the Next Article