K. S. Chandrasekharan एक महान गणितज्ञ K. S. Chandrasekharan, 20वीं सदी के प्रमुख भारतीय गणितज्ञों में से एक थे। उनका जन्म 21 नवंबर 1920 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में हुआ था। उन्होंने गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया By Lotpot 21 Nov 2024 in Lotpot Personality New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 K. S. Chandrasekharan, 20वीं सदी के प्रमुख भारतीय गणितज्ञों में से एक थे। उनका जन्म 21 नवंबर 1920 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में हुआ था। उन्होंने गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपनी विद्वता से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा K. S. Chandrasekharan का जन्म एक शिक्षित परिवार में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे, जिन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा और अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। Chandrasekharan ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बापटला में पूरी की और बाद में मद्रास (अब चेन्नई) के प्रेसीडेंसी कॉलेज से गणित में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की। 1943 में उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की और 1946 में पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की। व्यावसायिक जीवन और योगदान K. S. Chandrasekharan ने अपने करियर की शुरुआत टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) में की, जहां वे गणित के स्कूल के संस्थापक सदस्य बने। उन्होंने TIFR में गणित विभाग की नींव रखी और इसे एक विश्वस्तरीय संस्थान के रूप में स्थापित किया। बाद में, वे स्विट्जरलैंड के ETH ज्यूरिख में प्रोफेसर बने और वहां भी गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विशेषज्ञता संख्या सिद्धांत और समायोज्यता (summability) में थी। उन्होंने कई शोध पत्र प्रकाशित किए और गणित के क्षेत्र में नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। उनके कुछ प्रमुख शिष्यों में सी. एस. शेषाद्रि और एम. एस. नरसिम्हन शामिल हैं, जिन्होंने बाद में गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पुरस्कार और सम्मान K. S. Chandrasekharan को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें 1959 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, 1966 में रामानुजन मेडल, और 1976 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वे TIFR के मानद फेलो भी थे। निजी जीवन K. S. Chandrasekharan का विवाह हुआ था और उनके परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे थे। हालांकि, उनके परिवार के बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है। वे एक सरल और विनम्र व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन गणित और शिक्षा के प्रति समर्पित किया। मृत्यु 13 अप्रैल 2017 को ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड में 96 वर्ष की आयु में K. S. Chandrasekharan का निधन हो गया। उनकी मृत्यु से गणित जगत ने एक महान विद्वान को खो दिया। प्रेरणा स्रोत K. S. Chandrasekharan की कहानी हमें यह सिखाती है कि समर्पण, मेहनत और शिक्षा के प्रति जुनून से हम किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। उनका जीवन आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) K. S. Chandrasekharan कौन थे? K. S. Chandrasekharan एक प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे, जिन्होंने संख्या सिद्धांत और समायोज्यता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जन्म कब और कहां हुआ था? उनका जन्म 21 नवंबर 1920 को मछलीपट्टनम, आंध्र प्रदेश में हुआ था। उन्होंने कहां शिक्षा प्राप्त की? उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से एम.ए. और पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की। उनके प्रमुख योगदान क्या थे? उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में गणित विभाग की स्थापना की और संख्या सिद्धांत में महत्वपूर्ण शोध कार्य किए। उन्हें कौन-कौन से पुरस्कार मिले? उन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, रामानुजन मेडल, और पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उनका निधन कब हुआ? उनका निधन 13 अप्रैल 2017 को ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड में हुआ। और पढ़ें : Amit Shah: भारतीय राजनीति के कुशल नेता Pandurang Shastri Athawale: एक प्रेरणादायक दार्शनिक और समाज सुधारक Anil Kumble: भारत के 'जंबो' का सफर और क्रिकेट में उनका योगदान Milkha Singh: साहस, संघर्ष और सफलता का संगम You May Also like Read the Next Article