वैज्ञानिक जी. एन. रामचंद्रन: संरचनात्मक जीव विज्ञान के जनक

जी. एन. रामचंद्रन, जिनका पूरा नाम गोपालसमुद्रम नारायण रामचंद्रन है, भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक थे। उनका जन्म 8 अक्टूबर 1922 को तमिलनाडु के एर्नाकुलम में हुआ था। वे अपनी पढ़ाई में बहुत रुचि रखते थे

New Update
Ramachandran
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

जी. एन. रामचंद्रन का परिचय

जी. एन. रामचंद्रन, जिनका पूरा नाम गोपालसमुद्रम नारायण रामचंद्रन है, भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक थे। उनका जन्म 8 अक्टूबर 1922 को तमिलनाडु के एर्नाकुलम में हुआ था। वे अपनी पढ़ाई में बहुत रुचि रखते थे और जल्द ही विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। रामचंद्रन ने जैव-रसायन विज्ञान में क्रांतिकारी खोजें की, जो संरचनात्मक जीव विज्ञान और प्रोटीन के अध्ययन में आधारभूत हैं।

परिवार और शिक्षा

रामचंद्रन का परिवार एक शिक्षित परिवार था और उनके पिता नारायण राव, एक प्रोफेसर थे। उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाई की अहमियत सिखाई। रामचंद्रन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एर्नाकुलम में की और बाद में विज्ञान के क्षेत्र में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए मद्रास विश्वविद्यालय गए। वहाँ से उन्होंने भौतिकी में एम.एससी. और बाद में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की।

वैज्ञानिक योगदान

रामचंद्रन के सबसे प्रसिद्ध योगदानों में से एक "रामचंद्रन प्लॉट" है, जो प्रोटीन संरचना के अध्ययन में सहायक है। रामचंद्रन प्लॉट एक ऐसा ग्राफिकल तरीका है, जिससे वैज्ञानिक यह देख सकते हैं कि प्रोटीन के अणु किस प्रकार से अपनी संरचना बनाते हैं। इस खोज ने जीव विज्ञान में नई दिशाओं का मार्ग खोला। इसके साथ ही, उन्होंने कोलेजन की संरचना की भी खोज की, जो मानव शरीर की हड्डियों, मांसपेशियों और त्वचा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

रुचियां और प्रेरणा

जी. एन. रामचंद्रन को विज्ञान के साथ ही गणित में भी बहुत रुचि थी। वे हमेशा नई खोजों के लिए तत्पर रहते थे और अपने छात्रों को भी प्रेरित करते थे। उन्होंने अपना जीवन विज्ञान के विकास और शिक्षा के प्रसार में समर्पित कर दिया।

पुरस्कार और सम्मान

रामचंद्रन के कार्य को भारत और विश्व स्तर पर सराहा गया। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जैसे कि शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और रमन अनुसंधान पदक। उनकी खोजों को आज भी जीव विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के रूप में माना जाता है।

FAQs

1. जी. एन. रामचंद्रन का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
जी. एन. रामचंद्रन का जन्म 8 अक्टूबर 1922 को तमिलनाडु के एर्नाकुलम में हुआ था।

2. रामचंद्रन प्लॉट क्या है?
रामचंद्रन प्लॉट एक ग्राफिकल तरीका है जिससे प्रोटीन संरचना का अध्ययन किया जाता है।

3. रामचंद्रन को किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?
रामचंद्रन को शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और रमन अनुसंधान पदक से सम्मानित किया गया है।

4. उनके वैज्ञानिक योगदान का क्षेत्र क्या था?
रामचंद्रन ने संरचनात्मक जीव विज्ञान और प्रोटीन संरचना पर शोध किया, जिसमें उनकी प्रमुख खोजें रामचंद्रन प्लॉट और कोलेजन संरचना की खोज शामिल हैं।

जी. एन. रामचंद्रन ने विज्ञान के क्षेत्र में जो योगदान दिए हैं, वे आज भी जीव विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में उपयोगी साबित हो रहे हैं। उनकी खोजों ने विज्ञान की दुनिया में क्रांति लाई है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा दी है।

इन्हें भी जाने :-

Lata Mangeshkar: भारत की सुर सम्राज्ञी की कहानी
Yash Chopra: बॉलीवुड के महान फिल्म निर्माता की रोचक जीवन यात्रा
Dev Anand: बॉलीवुड के चमकते सितारे
Morari Bapu: बच्चों के लिए धर्म और प्रेम के महान गुरु